शिमला। पावर कारपोरेशन के दिवंगत चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत की गुत्थी को सुलझाने के लिए सुक्खू सरकार की ओर से गठित एक सदस्यीय हाईपावर समिति यानी अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की ओर से की गई जांच की रपट को सील्ड कवर आज प्रदेश हाईकोर्ट को सौंप दिया हैं।
इस रपट को सुक्खू सरकार पब्लिक नहीं कर रही थी और न ही याचिकाकर्ता से साझा की जा रही थी। यही नहीं इस रपट को आरटीआइ के तहत भी साझा नहीं किया जा रहा था।
दिवंगत विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी की ओर से सीबीआइ जांच की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान उनकी ओर से मामले की पैरवी कर रहे पूर्व महाधिवक्ता और वरिष्ठ एडवोकेट आर के बाबा ने सुबह अदालत से इस रपट को साझा करने की मांग की।
अदालत ने सरकार को दोपहर बाद तमाम रपटें अदालत को सौंपने के आदेश दिए।याचिका कर्ता के वकील एडवोकेट आर के बाबा ने reporterseye.com से कहा कि दोपहर बाद सरकार की ओर से ओंकार शर्मा की जांच रपट को अदालत को सौंप दिया गया है।
बहरहाल, इस पर मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश न्यायामूर्ति अजय मोहन गोयल ने इस रपट को याचिकाकर्ता के साथ साझा करना है या नहीं ये तय करने के लिए कल या 21 मई को सुनवाई निर्धारित कर दी हैं।
चालान पेश करने पर पुलिस पर पाबंदी
अदालत ने आज विमल नेगी की रहस्यमय मौत के मामले की जांच कर रही शिमला पुलिस को आदेश दिए कि वो इस मामले में चालान पेश न करे। अदालत ने कहा कि चालान पेश करने से पहले उसे अदालत की मंजूरी लेनी होगी।
दो और रपटें हुई पेश
याचिका कर्ता के वकील एडवोकेट बाबा ने reporterseye.com से कहा कि इसके अलावा आज अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह और डीजीपी यानी पुलिस महानिदेशक की ओर से भी अदालत में रपटें पेश की गई हैं।बंद लिफाफों में पेश की गई इन रपटों को अदालत ने लिफाफों से बाहर किया और इन रपटों को याचिकाकर्ता के साथ साझा करने के आदेश दिए गए हैं।
याद रहे दिवंगत विमल नेगी के परिवार वालों की तरफ से लगातार ये इल्जाम लगाए जा रहे है कि विमल नेगी की रहस्यमयी मौत पर से पर्दा उठाने में पुलिस 60 दिन से ज्यादा का समां हो जाने के बावजूद नाकाम रही हैं। इसके अलावा याचिकाकर्ता के साथ ओंकार शर्मा की रपट भी साझा नहीं की जा रही हैं और जांच में क्या चल रहा है, इस बावत भी कुछ साझा नहीं किया जा रहा हैं।
पावर कारपोरेशन के दिवंगत चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को शिमला से बिलासपुर गए थे और वो तब से लापता
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