शिमला। भारत के मैगनेटिंग नैनो टैक्नोलॉजी में लीडिंग नैनो साइंटिस्ट प्रोफेसर महावीर सिंह के तीन गेगाहाटर्स की फ्रीक्वेंसी के नैनो राडार/एंटीना के मंत्र का जादू 2016 तक दुनिया में छा जाएगा। इस फ्रीक्वेंसी वाला नैनो राडार दुनिया में अभी तक नहीं बना है। इस फ्रीक्वेंसी वाला ये एंटीना दुनिया में पहला होगा।
ये एंटीना किसी भी देश के बार्डर के उपर से गुजरने वाले किसी भी तरह के अत्याधुनिक तकनीकी परिंदों(वायुयानों,ड्रोन,जासूसी यानों) की हलचल को पकड़ लेगा।
ये राडार नासा,पेंटागान या दुनिया के विकसित किसी बड़े देश में नहीं बलिक देवदार के घने जंगलों से घिरी हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के लैब में तैयार किया जा रहा है।देश के लीडिंग नैनो साइंटिस्ट प्रोफेसर महावीर सिंह व उनके स्टूडेंट्स की टीम इस मिशन का 75 फीसद काम पूरा कर चुके है।प्रोफेसर सिंह ने कहा कि ‘’हमारा 75 फीसद काम पूरा हो चुका है। हम 2016 तक इस मिशन को पूरा कर देंगे। आगे का काम डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट आर्गेनाइजेशन को करना है।
‘’उन्होंने कहा कहा ‘’ किसी भी राडार में चार पैरामीटर होते हैं,इनमें से तीन हमने पूरे कर लिए है।एक से अभी जूझ रहे हैं ‘’। इस मिशन में साइज को कम करने के साथ लॉस ऑफ फ्रीक्वेंसी को बचाना बहुत बड़ी चुनौती है।क्योंकि साइज कम करने के साथ इसकी क्षमता भी कम हो जाती है। इस क्षमता को बरकरार रखना ही चुनौती है ।
प्रोफेसर सिंह को इस मिशन को पूरा करने का काम डीआरडीओ ने दिया है। अमूमन डीआरडीओ इस तरह के प्रोजेक्ट को देश की बड़ी लेबोरेटरीज के जरिए देते है। लेकिन नैनो टेक्नालॉजी में प्रोफेसर सिंह के काम को देखते हुए डीआरडीओ ने ये प्रोजेक्ट उन्हें डायरेक्ट दे दिया।
आई आई टी दिल्ली से मेगनेटिेक टेक्नालॉजी में पीएचडी प्रोफेसर सिंह ने 800 मेगाहार्ट्स के राडार का फ्रांस की साइंटिस्ट के साथ पेटेंट करा रखा है।
प्रोफेसर सिंह ने कहा कि देश को इस समय थ्योरिटेशनों को तैयार करने की बहुत ज्यादा जरूरत है। उन्होंने कहा कि ‘’ हिंदुस्तान को आज थ्योरिटिकल मैथेमेटिशियन व थ्योरिटिकल फिजिक्स में थ्योरिटेशनों की बहुत ही ज्यादा जरूरत है।‘’ इसके अलावा आर एंड डी में भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि देश में पेटेंट कराना बेहद कठिन है, ये विदेशों की तरह आसान होना चाहिए।
फोटो कैप्शन-नैनो साइंटिस्ट प्रोफेसर महावीर सिंह हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की लैब में अपने स्टूडेंटस के साथ।
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