शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को विधानसभा के इतिहास में अनोखा वाक्ये दर्ज हुए।विपक्षी पार्टी भाजपा ने अपने नेता प्रेम कुमार धूमल की कमान में प्रश्नकाल में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से सवाल नहीं पूछकर उनका बहिष्कार किया। वहीं प्रश्नकाल में ही भाजपा सदस्य की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब न देकर पॉवर व खेती मंत्री सुजान सिंह पठानिया ने अजीबो गरीब स्थिति पैदा कर दी।स्पीकर बीबी बुटेल ने उनका नाम तीन बार पुकारा। पहले तो ये लगा कि मंत्री सो गए है।फिर लगा की कोई अनहोनी हो गई है और सारा सदन एक पल के लिए सन्न रह गया।
इस बीच संसदीय कार्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सदन में सब ठीक नहीं चल रहा है। तब पता चला कि ये सब सतापक्ष की रणनीति का हिस्सा है। सदन में मंत्री के होते हुए सवाल का जवाब नहीं दिया गया। पठानिया कुछ बोले भी नहीं।इस बीच भाजपा सदस्य की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दिया। इस पर भाजपा ने हंगामा खड़ा कर दिया। इस बीच बिना जवाब दिए व कुछ बोले पठानिया सदन से बाहर चले गए। ऐसा शायद प्रदेश विधानसभा में पहली बार हुआ। भाजपा के सदस्यों का मुख्यमंत्री से सवाल न पूछने का सिलसिला जारी रहा तो दूसरी ओर से मंत्रियों की ओर से मुख्यमंत्री खुद जवाब देते रहे। सदन के नेता और विपक्ष के नेता वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल दोनों ही अपनी अपनी रणनीति को सही करार देते रहे।
इतना ही नहीं हुआ । अजीबो गरीब स्थिति तब पैदा हो गई जब सतापक्ष ने सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव मूव कर दिया और स्पीकर बीबी बुटेल ने इसे स्थगित करने का फैसला बुधवार को टाल दिया।इस पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कई बार अपनी सीट पर उठे और सदन को अनिश्िचतकाल के लिए स्थगित करने का आग्रह किया।
बुटेल ने कहा कि इस प्रस्ताव की जरूरत नहीं है। सतापक्ष और विपक्ष को सदन को चलाना चाहिए। दो बिल पड़े है।सदन को स्थगित करने के लिए सेंस आफ हाउस चाहिए गवर्नर को भी इंफार्म करना है। इस पर वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्यपाल के फैसले की जरूरत नहीं है। इस दौरान विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि सरकार किस बात से डर रही है।सरकार मन बना चुकी है तो इस स्थगित नहीं भंग कर दिया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भंग भी करा सकते है और हम चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे।धूमल ने कहा कि सरकार कटघरे में खड़ी है। वो भाग रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सदस्य सदन के नेता से सवाल नहीं पूछ रहे है। ये सदन का अपमान है। उन्होंन आरोप जड़ दिया कि ये सब धूमल की साजिश का नतीजा है और वो पूरी पार्टी को इस्तेमाल कर रहे है। भाजपा नेता सवाल नहीं पूछ रहे है। पब्लिक फंड का दुरुपयोग हो रहा है। ये टीए डीए लेने आते है।इसलिए सदन को अनिश्िचतकाल के लिए स्थगित किया जाए।वीरभद्र सिंह और धूमल के बीच तीखी नोक झोंक हो गई और धूमल ने तल्खी से कहा कि सरकारी गेजेटियर किसने जलाया। लाउं किताब।
धूमल ने कहा कि उनके मामलों पर भी चर्चा हो,बेंबलोई बिल्डर्स पर भी चर्चा हो।एचपीसीए के मामले पर भी चर्चा हो ।जिसने गलत किया है उसे सजा मिले।उन्होंने वीरभद्र सिंह पर आरोप लगाया कि इनके विधायक सदन में अखबार लहरा रहे है।इनको मेटेरियल ये मुहैया करवा रहे है।उन्होंने कहा कि हाउस चलेगा और शान से चलेगा।
धूमल ने कांग्रेस को याद दिलाया कि बिंदल जब मं त्री थे तो उनका भी बहिष्कार हुआ था। निर्दलीय विधायक राकेश पठानिया जब सवाल पूछते थे कांग्रेस के विधायक बाहर चले जाते थे।हम करे तो पाप आप करे तो पुण्य।
इस सारे शोर शराबे के बीच स्पीकर बुटेल सदन को चलाने के लिए मनाते रहे। संसदीय कार्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सेंस आफ हाउस सदन को स्थगित करने की है और वही फैसला होता है जो सदन लेता है।इसलिए सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जाए।स्पीकर ने कहा कि वो बुधवार को फैसला लेंगे।नियम देखेंगे।इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ही फैसला किया जाए। अजीबो गरीब स्थिति पैदा हो गई।स्थिति को संभालते हुए कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने स्पीकर से आग्रह किया कि सदन को लंच के बाद तक स्थगित किया जाए और तब फैसला लिया जाए।स्पीकर ने सदन को लंच के बाद तक निलंबित कर दिया। लंच के बाद स्पीकर ने स्थगन प्रस्ताव पर वोिटंग कराने के बाद सदन कोनियम 20 के तहत स्थगित कर दिया। सदन में ये भी पहली बार हुआ कि जो भाजपा मानसून सत्र शुरू होने से लेकर सदन में हंगामा कर रही थी वो मंगलवार को सदन चलाने की दुहाई दे रही थी
धूमल- अुनराग सबके पीछे
सदन स्थगित हो जाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सबके पीछे धूमल और अनुराग है।उन्हें ऐसा करने की आदत हो गई है। शीतकालीन सत्र धर्मशाला हो या बजट सत्र । और अबकी बार भी सदन को नहीं चलने दिया जा रहा है।धूमल भाजपा विधायकों को अपने बचाव के लिए इस्तेमाल कर रहे है।
मुकेश को पता चल गई थी भाजपा की चाल
मंगगलवार को भाजपा विधायक पुश्नकाल में मुख्यमंत्री से सवाल न पूछ कर उनका बहिष्कार करेंगे इसकी जानकारी मुकेश अग्निहोत्री को लग गई थी। उन्होंने सीएम को जानकारी और रणनीति तय। जिसके तहत य किया गया कि भाजपा सदस्यों की ओर से प्रश्नकाल में लगे जिन सवालों का जवाब मंत्रियों को देना है उनका जवाब मंत्री न देकर मुख्यमंत्री देंगे।नियमों के मुताबिक मुख्यमंत्री किसी भी मंत्री की ओर से जवाब दे सकते है।हालांकि इस पर हंगामा हुआ भाजपा की रणनीति का पुलिस को भी पता था।
जब सीएम बोले बुटेल के ख्िालाफ लाएंगे नो कांफिडेशन मोशन
लंच से पहले सता पक्ष और मुख्यमंत्री की ओर से बार बार सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के आग्रह को न मामने पर सदन को निलंबित करने के बाद मुख्यमंत्री विधानसभा सचिव की सीट के पास गए और उन्होंने सचिव एस एस वर्मा से गुस्से में कहा कि आप स्पीकर को क्या सलाह दे रहे है।इरान सीएम के साथ खड़े लोगों के मुताबिक सचिव ने कहा कि वो तीन बार लिख कर दे चुके है। पता नहीं क्यों वो फैसला नहीं ले रहे है।इस पर वीरभद्र सिंह ने कहा कि स्पीकर के ख्िालाफ नो कांफिडेशन मोशन लाएंगे।लेिकन लंच के बाद स्पीकर ने सदन को स्थगित कर दिया। बाद में राजनीितक गलियारों में चर्चा चली कि वीरभद्र विरोधी नहीं चाहते थे कि सदन इस तरह स्थगित हो ।
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