शिमला।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के छोटे बेटे अरुण धूमल की ओर से पाक साफ होने को लेकर जारी किए दस्तावेजों का जवाब देने के लिए दो मंत्री मैदान में उतार दिए है। बहुउद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा मंत्री सुजान सिंह पठानिया व वन मंत्री ने ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहा कि प्रेमू को हिमाचल प्रदेश विलेज कॉमन लैंड्स (वेस्टिंग एंड यूटिलाईजेशन) स्कीम, 1975 के अन्तर्गत 1992 में 592 वर्ग मीटर भूमि प्रदान की गई। ‘पट्टे’ की तिथि 7 दिसम्बर, 1992 थी, जबकि 20 जून, 1993 को इस भूमि का इंतकाल किया गया।
धूमल परिवार की जमीन हड़पने की हवस घटियापन की सभी हदें पार कर गई है। उन्होंने गरीब व्यक्ति प्रेमू को भी नहीं छोड़ा, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा नौतोड़ भूमि आवंटित की गई थी। उन्होंने श्री प्रेमू की भूमि को कानून के प्रावधानों की अवहेलना कर खरीद कर प्रेमू को भूमिहीन कर दिया।
योजना के प्रावधानों के अन्तर्गत इस योजना के तहत प्रदान की गई भूमि को कब्जे की तिथि से 10 वर्ष तक नहीं बेचा जा सकता था। किन्तु इस शर्त को 9 दिसम्बर, 1987 को अधिसूचना संख्या रेव. 2।(3)11/77 के माध्यम से संशोधित कर दिया गया और 10 वर्ष के स्थान पर 20 वर्ष की शर्त डाल दी गई। एक अन्य शर्त यह थी कि भूमि तब तक नहीं बेची जा सकती जब तक अलाटी की पत्नी जीवित है।
प्रेमू को भूमि का आवंटन वर्ष 1992/1993 में किया गया, जोकि वर्ष 1987 में 10 वर्ष से 20 वर्ष किए गए संशोधन से काफी बाद में है। अतः लागू होने वाली शर्तों के अनुसार वह वर्ष 2012/13 तक भूमि नहीं बेच सकता। यह भूमि इस लिए भी नहीं बेची जा सकती कि प्रेमू की धर्मपत्नी अभी जीवित है।
पठानिया तथा भरमौरी ने कहा कि मामले के तथ्य यह पूर्ण रूप से स्पष्ट करते हैं कि अनुराग ठाकुर तथा प्रेमू के मध्य भूमि हस्तांतरण अवैध है और अधिनियम एवं नियमों के प्रावधानों की पूर्ण अवहेलना है। धूमल परिवार ने गरीब परिवार को धोखा ही नहीं दिया बल्कि कानून की अवहेलना भी की है।
यह आश्चर्यजनक है कि अपने अवैध कार्य को मानने के स्थान पर अब वह प्रदेश सरकार पर अंगुलियां उठा रहे हैं। यह हास्यास्पद है कि उनका गैर कानूनी भूमि सौदा सामने आने के बाद अब धूमल परिवार प्रतिशोध एवं प्रताड़ना की बात कर रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि पिता और पुत्रों ने भाजपा की प्रदेश इकाई को हाईजैक कर दिया है और वे प्रदेश भाजपा इकाई के माध्यम से जांच एजेंसियों पर दबाव बना रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि यदि धूमल और उनके पुत्रों को लग रहा है कि उनके साथ कुछ गलत किया जा रहा है तो कानूनी रास्ता अपनाना चाहिए। संसदीय चुनावों के दृष्टिगत वे राजनीतिक लाभ उठाने के लिए मीडिया हाईप बना रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि जूनियर धूमल चुनावों में अपने लिए जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
पठानिया तथा भरमौरी ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश एक प्रकार से ‘ऑन सेल’ पर था और बड़ी संख्या में बेनामी सौदे किए गए। भाजपा के कार्यकाल में बेनामी, अवैध और अनियमित भूमि सौदों के कई मामले हुए और वर्तमान मामला केवल एक बानगी भर है।
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