शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि एचपीसीए ने प्रदेश सरकार और जनता के साथ बहुत बड़ा फ्राड किया है। प्रथम द्ष्टया में कई धांधलियां सामने आई है। अभी कई और परतें खुलेंगी। उन्होंने एलान किया कि इस मामले में कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो उसे बख्शा नहीं जाएगा।वो विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि धर्मशाला में शामलात जमीन होटल खड़ा कर दिया। इससे पहले रणजी ट्रॉफी में हिमाचल की ओर से पंजाब के खिलाडि़यों को फर्जी हिमाचली प्रमाणपत्र पर खेलने की अनुमतिदी गई। वो खुद प्रदेश में क्रिकेट को फलता –फूलता देखना चाहते है। लेकिन इन लोगों ने प्रदेश की जनता की आंखों में धूल झोंकी है व ये लोग प्रदश की जनता का भरोसा खो चुके है। उन्होंने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उनकी ये जिम्मेदारी है कि जो भी कुछ गलत हुआ है उसे सामने लाए। जांच एजेंसियों अपने काम में लगी है व कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी कारगुजारियां अब सामने आ रही है।पते फर्जी निकल रहे है।भाजपा अपनी कारगुजारियों से ध्यान बंटाने के लिए सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रही है। जांच कोर्ट के आदेश पर चल रही है।
ये पूछे जाने पर की वीबीएस मामले में विपक्ष जांच की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले की स्टील मंत्रालय में पूरी जांच की है। जिस फर्म का नाम इस मामले में लिया जा रहा है उसको उनके केंद्रीय स्टील मंत्री रहते कोई लाभ नहीं पहुंचाया गया। वीरभद्र सिंह के केंद्रीय स्टील मंत्री रहते वीबीएस मामला सुखियों में रहा था। एचपीसीए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर इस मामले में वीरभद्र सिंह व डीआईजी विजीलेंस एपी सिंह के खिलाफ जांच कराने की मांग कर चुके है। जब ये कांड सुर्खियों में आया था उस समय एपी सिंह वीरभद्र सिंह के साथ अटैच थे।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि भाजपा उनके खिलाफ साजिश रचती रही है। धूमल ने उनके खिलाफ कई मामले चलाए। सागर कत्था से लेकर सीडी कांड जैसे मामले उछाल उनकी छवि खराब करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दिया।
मीडिया में वीबीएस रिश्वत कांड कई दिनों में सुर्खियों में रहा था व वीरभद्र सिंह को केंद्रीय मंत्रीपद से इस्तीफा देना पड़ा था।
भाजपा ने सुबह प्रश्नकाल शुरू होते ही बारिश से प्रदेश में मची तबाही पर स्थगनादेश प्रस्ताव लाया था। जिसे स्पीकर ने नामंजूर कर दिया। वीरभद्र सिंह ने कहा कि ये स्पीकर और विपक्ष के बीच का मामला है। इस पर सरकार को घेरना गलत है।
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