शिमला। मंडी के नेरचौक में बन रहे इएसआई अस्पताल के मसले पर सदन में राजनीति की आंच से एक दूसरे को तपाने की कोशिश में सरकार व विपक्ष ने हैरान करने वाले राज खोले।
सदन में प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर व नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने कई अनजाने पहलुओं को सार्वजनिक किया।
धूमल ने खुलासा किया कि नेरचौक के इस इएसआई अस्पताल की अधिसूचना वीरभद्र सिंह की तत्कालीन सरकार ने बैकडेट से की थी। धूमल ने सदन में कहा कि इसकी चुनाव आयोग में शिकायत हुई। बाद में जब बीजेपी की सरकार सता में आई तो स्वास्थ्य सचिव उनके पास ‘रोईं’ व कहा कि उनसे ये मजबूरी में कराया था। हमने वेव ऑफ कराया। धूमल ने कौल सिंह को ये भी याद दिलाया कि ”आप जानते हैं कि विरोध करने वाले लोग कौन थे।
मंत्री कौल सिंह ने सफाई दी कि अधिसूचना बैकडेट से हुई होगी ये पता नहीं हैं,सचिव ने की होगी।
इससे पहले कौल सिंह ने इएसआई अस्पताल को लेकर गुलाब सिंह ठाकुर की ओर से पूछे सवाल के जवाब में कहा कि इस अस्पताल को चलाने में देरी मोदी सरकार के लेबर मंत्रालय की वजह से । कौल सिंह ने बीेते रोज भी मोदी सरकार पर हमला बोला था। कौल सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान इस अस्पताल का उदघाटन तत्कालीन लेबर मंत्री आस्कर फर्नाडीस ने किया । लेकिन उसी दिन आचार संहिता लग गई।बाद में केंद्र में मोदी सरकार सता में आ गई और लेबर मंत्री तोमर ने सरकार को अवगत कराया कि सरकार ने इएसआई अस्पतालों को न चलाने का सैंद्धांतिक तौर पर फैसला लिया हैं। कौल सिंह ने कहा कि हमने चिटठी लिखी कि राज्य सरकार इसे टेकओवर करेंगी।”मैं मोदी सरकार के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन मिला व वो इसे राज्य सरकार को देने को तैयार हो गए। हमने अब तक आठ बिल्डिंग टेकओवर कर ली हैं।
उन्होंने कहा कि एमसीआई की टीम ने ९ व १० दिसंबर २०१६ को निरीक्षण किया था । कुछ आपतियां उठाई गई हैं । उस पर सरकार ने १० फरवरी को रिपोर्ट दे दी हैं। बाकी खामियों को भी दूर किया जा रहा हैं। कौल सिंह ने कहा कि प्रिंसिपल ,संयुक्त निदेशक समेत ३३५ पद भर दिए गए हैं। अगस्त में एमबीबीएस की १०० सीटों के लिए दाखिला दे दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मशीनरी व उपकरणों की खरीद के लिए सरकार के पास पैसा जैसे ही कॉलेज चलेगा ये खरीद की जाएगी।
कौल सिंह की ओर से क्रेडिट लेता देख नेता प्रतिपक्ष ने धूमल ने मोर्चा खोला व कहा कि कौल सिंह ने सदन को वाकपटुता से गुमराह करने का काम किया हैं। तो कौल सिंह ने चुटकी ली, ”ऐसा न बोलो”।
धूमल ने खुलासा किया कि कौल सिंह ने फर्नाडीस से कहा कि भाषण में ये भी कहना कि धूमल ने भी कहा हैं। कौल सिंह बोले, ”आपने लिख कर दिया था”।
धूमल ने कहा कि यूपीए सरकार ने फैसला लिया था कि अगर राज्य सरकारें जमीन दे देंगी तो केंद्र सरकार अस्पताल खोलेंगी। मंडी के नेरचौक में इसे खोलने का फैसला लिया गया।
धूमल ने कहा कि जब उदघाटन किया तो संयोगवश एक ही सोफे पर बैठे थे। फर्नाडीस मेरे व्यक्तिगत मित्र थे। मैनें भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इएसआई अस्पताल प्रेम कुमार धूमल के कारण मिला
कौल सिंह ने कहा कि यह कहना कि ”मैने सदन को गुमराह किया हैं ये सरासर गलत हैं”। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल को टेकओवर करने के लिए राज्य सरकार को लेबर मंत्रालय को २५० करोड़ देने थे। लेकिन लेबर मंत्रालय ने कई शर्तें लगा दी व जो पैसरा दिया जाना था उस पर १२ फीसद ब्याज की मांग की। हमने बहुत सारा पत्राचार किया व कहा कि ये सरकार के बीच का मामला हैं कोई बणिए की दुकान थोड़े ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल के चलने में लेबर मंत्रालय की वजह से देरी हुई हैं व कुछ बिल्डिंगे सरकार के सुपुर्द की हैं।
इस पर धूमल ने कहा कि पहले कौल सिंह शांत थे लेकिन हमने आइना दिखाया तो जोश में आ गए। धूमल ने कहा कि बैकडेट में अधिसूचना कराई गई । चुनावद आयोग में शिकायत हुई।
इस पर कौल सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग ने नाइंसाफी की थी। पांच महीने पहले आचार संहिता लगा दी हम चुनाव आयुक्त से मिले भी। जब हम बाहर निकल रहे तो धूमल व शांता समेत भाजपा के नेता चुनाव आयुक्त से मिलने गए। तत्कालीन चुनाव आयुक्त की निष्ठाएं किस ओर थी वो इस पर नहीं जाना चाहते।
धूमल ने फिर खुलासा किया कि आचार संहिता के बाद कांग्रेस के नेता हॉलीकाप्टर से दिल्ली जाते रहे । शिकायत हुई तो चुनाव आयोग ने ये पैसा पार्टी के खाते से वसूलने के आदेश दिए। इस बीच कौल सिंह ने कहा कि हमने अदा किया। धूमल बोले, अदा तो करना ही था जब आदेश हो गए थे।
धूमल ने ये जानना चाहा कि हमीरपुर व चंबा के मेडिकल कॉलेज कब शुरू होंगेे। कौल सिंह ने कहा कि हमीरपुर में शिक्षा विभाग, हिमुडा व आयुर्वेद विभाग से उनकी इमारतें लेने का मामला उठाया हैं। प्रक्रियाएं पूरी होने पर इनको चला दिया जाएगा। कौल सिंह ने फिर यूपीए सरकार को क्रेडिट देने की कोशिश करते हुए कहा कि चंबा, हमीरपुर व नाहन के मेडिकल कॉलेज उनके आग्रह पर तत्कालीन कें्रदीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद मंजूर किए।
(9)