शिमला।सता में तीन साल पूरे करने के मौके पर मुख्यमंत्री वीरभ्द्र सिंह जहां विपक्षी पार्टी भाजपा ,मोदी सरकर पर हमला किया वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा पर जेएनयू पर हुए हमले को लेकर व्यग्य कसा।
सरकार के तीन साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह यहीं नहीं रुके । उन्होंने पीलिया से तड़प रहे राजधानी शिमला के हजारों परिवारों के जख्मों पर भी नमक छिड़का। उन्होंने अश्वनी खडड में मिले सीवरेज के लिए म्लाणा में बने एसटीपी को जिम्मेदार न ठहरा कर आस पास बने घरों के सेप्टिक टैंकों से निकले सीवरेज को जिम्मेदार ठहरा दिया।उन्होंने इसके लिए टीसीपी को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने इस मसले पर अजीब दलीलें दी,जो हैरान करने वाली ही नहीं,चिंता खड़ी करने वाली भी थी।
पीलिए पर उनकी ओर से दिए जवाब ने एक बात साबित कर दी है उनके आस -पास रहने वाले लोग चाहे वो अफसर हो या उनके चहेते नेता, उन्हें असलियत से वंचित रख रहे है। ये त्रासदी से कम नहीं है।जब पत्रकार पीलिए पर सवाल पूछ रहे थे तो उनकी केबिनेट के मंत्री उनके कानों में कुछ और ही फूंक रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस महामारी को छोटा आंकने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे शहरों में तो डेंगू फैलता रहता है।इससे सरकार के कामकाज को नहीं आंका जा सकता।
तीन साल की उपलब्धियों का बखान करने के लिए आज लोकसंपर्क विभाग की ओर से संवाददादाता सम्मेलन का आयोजन किया। इस मौके पर लोकसंपर्क विभाग ,उद्योगमंत्री मुकेश अग्निहोत्री व वन मंत्री भरमौरी सिंह ठाकुर नदारद रहे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा पर जेएनयू पर हुए हमले पर कसा व्यंग्य-
बीते रोज दिल्ली सिथत भारत की नामी यूनिवर्सिटी जेएनयू में पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा के उपनेता आनंद शर्मा पर हुए हमले को लेकर उन्होंने आनंद शर्मा पर व्यंग्य कसा।पत्रकारों के सवालों पर उन्होंने कहा कि जंग के मैदान में हमले तो होते ही रहते है। लड़ाई में कूदोगे तो कहीं न कहीं जख्मी तो होंगे ही। ये सांप्रदायिक ताकतों के समूहों का हमला था। उन्होंने वहां जाकर हिममत दिखाई।फिर ठहाका लगाते हुए कहा कि आनंद शर्मा को इसे प्रसाद के रूप में मंजूर करना चाहिए।गौरतलब हो कि जेएनयू कांड होने के बाद आनंद शर्मा राहुल गांधी के साथ जेएनयू गए थे।आनंद शर्मा को हिमाचलसे राज्यसभा भेजने के क्यास लगाए जा रहे है।
मोदी सरकार पर हमला-
इस मौके पर वीरभद्र सिंह पर भी हमला बोला कहा कि हालांकि उनके प्रधानमंत्री से अच्छे सबंध है लेकिन फंडिंग को लेकर कई अड़चने है।केंद्रीय योजनाओं में दो सालों से 90:10 के हिसाब से फंडिंग नहीं की गई। अब जाकर इस अनुपात को मंजूर किया गया है।इसके अलावा केंद्र सरकार के लेबर विभाग की ओर से करीब 900 करोड़ से बन रहे ईएसआई अस्पताल को पहले केंद्र सरकार ने चलाना था।पर अब ये डांवाडोल हो गया।जब से मोदी सरकार केंद्र में आई है,तब से वो इसे पहले सरकार की योजना के मुताबिक चलाने केलिए मुकर गई है।इस कॉलेज को अब प्रदेश सरकार चलाएगी। वीरभद्र सिंह ने कहा कि वो खुद प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर इस अस्पताल को केंद्र की प्रतिबद्दताएं पूरा करने मांग करेंगे।
यही नहीं वीरभद्र सिंह ने 900 करोड़रुपए के स्वां नदी व छौंछ खडड के चैनलाइजेशन के मसले परमोदी सरकार की ओर से फंडिंग करने पर भी सवाल उठाए।मोदी सरकार ने जो अनुदान देना था उसमें अड़चने आ रही है।यही नहीं प्रदेश को मिल रहे मेडिकल कॉलेजों को भी फंडिंग के संकेत नहीं दे रही है।
भाजपा पर हमला-
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी पार्टी भाजपा का बतौर विपक्ष शून्य योगदान रहा। वो तीन सवालों में सदन के भीतर और बाहर हंगामा करते रहे।स्वांग निकालते रहे। उन्होंने कहा कि वो विपक्ष से अपील करते है वो रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाए ।
अपनी सरकार की पीठ थपथपाई-
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने बीते तीन सालों में 60 हजार युवाओं को रोजगार दिया जिसमें से 27 हजार लोगों को सरकारी क्षेत्र में रोजगार दिया गया है।आगामी बचे दो सालों में सरकारी क्षेत्र में 25 हजार लोगों को रोजगार मुहैया कराएगी।
कॉलेज खोलने से सबसे ज्यादा फायदा लड़कियों को-:इस मौके पर वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले तीन सालों में बहुत कॉलेज खोले है। हालांकि इसकी आलोचना की जा रही है। लेकिन इनके रिजल्ट अच्छे आ रहे हैं।ज्यादातर कॉलेज ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों में खोले जा रहे है।इससे लड़कियों को ज्यादा फायदा हो रहा है।ये लड़कियां घर से दूर नहीं जा सकती थी। उन्हें उच्च शिक्षा हासिल करने का मौका मिल रहा है।इन कालेजों में लड़कियों की संख्या लड़को से अधिक है।
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