शिमला। कर्मचारियों व अधिकारियों के सेवा विस्तार व पुनर्नियुक्ति के मामले पर भाजपा विधायकों की ओर से सदन में घेरे गए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को सेवा विस्तार व पुनर्नियुक्ति को 31 मार्च 2015 से समाप्त कर दिया है। हालांकि सरकार ने ये फैसला सोमवार को हुई केबिनेट में लिया। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान राजीव बिंदल की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में दी
। वीरभद्र सिंह ने कहा कि अब उन्हीं लोगों को पुनर्नियुक्ति व सेवा विस्तार दिया जाएगा जिसे सरकार जरुरी समझेगी।ये सरकार का अधिकार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले दो सालों में 1616 कर्मचारियों और अधिकारियों को सेवा विस्तार दिया है।उन्होंने कहा कि अब हर तरह के सेवा विस्तार को समाप्त कर दिया गया है। जिन लोगों को जनवरी -फरवरी में भी सेवा विसतार दिया उसे भी समाप्त कर दिया गया है।जिन अफसरों व कर्मचारियों को सेवा विस्तार और पुनर्नियुक्त किया गया,उन पर सरकार के खजाने से वेतन व भतों पर 6 करोड़ 95 लाख53 हजार197 रुपए अदा किया गया।
इस मसले पर भाजपा विधायक राजीव बिंदल,महेंद्र सिंह ठाकुर,रविंद्र सिंह रवि व रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री को इस मसले पर बुरी तरह से घेरा। भाजपा विधायक महेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री से पूरक सवाल में पूछा कि ये नियुक्तियां देने की क्या जरुरत पड़ी। उन्होंने पूछा कि इन कर्मचारियों व अधिकारियों के वेतन भतों के अलावा इनको दी गाड़ियों, स्टाफ की तैनाती, बिजली व फोनों के बिलों पर कितना खर्चा आया। उन्होंने साथ ही पूछा जिन कर्मचारियों और अधिकारियों को सेवा विस्तार दिया गया क्या उनके पीछे वालों की योग्यता कम थी, और जो प्रमोशन से वंचित रह गए क्या उन्हें पीछे से प्रमोशन दी जाएगी।
इसी तरह का सवाल भाजपा विधायक रविंद्र सिंह रवि ने पूछा। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि इन तरह के सेवा विस्तार पूर्व की भाजपा सरकारों में भी दिए गए है।
(1)