हमीरपुर/शिमला। हमीरपुर से कांग्रेस के निलंबित प्रवक्ता व वीरभद्र सिंह सरकार में स्वास्थ्य व राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर के करीबी दीपक शर्मा ने संकट में चल रहे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू पर बेहद संगीन इलजाम लगाया है और कहा है कि सुक्खू भाजपा के बड़े नेता प्रेम कुमार धूमल के बंदे हैं। हालांकि उन्होंने ये अलफाज इस्तेमाल नहीं किए है लेकिन चिटठी का जो मजबून हैं उसका मतलब इसी तरह का है।
दीपक शर्मा ने सुक्खू पर कोई दरिया खरीदने व खनन माफिया होने जैसे इल्जाम भी लगाए है।हालांकि उन्हें निलंबित किया हुआ है व इस तरह के इल्जाम लगाना बेशक बड़ी बात न हो लेकिन सुक्खू पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी वार कर रहे हैं। ऐसे में सुक्खू संकट में घिरते नजर आ रहे है। पार्टी व सरकार में सुक्खू की ओर से जवाब देने वाला कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आ रहा है।इसके अलावा विधानसभा चुनाव के लिए एक साल बचे होने के कारण वीरभद्र सिंह समेत हर कोई पार्टी पर कब्जा करने की फिराक में है। यह सही है कि भाजपा नेता धूमल यही चााहते है कि कांग्रेस पार्टी ऐसे हाथों में रहे जो हाथ उनके साथ पर्दे के पीछे मिलते रहें।
बहरहाल दीपक शर्मा ने कांग्रेस की बड़ी नेत्री व हिमाचल प्रभारी अंबिका सोनी को चिटठी लिख कर व इसे मीडिया को जाारी कर सुक्खू का संकट बढ़ा दिया है।सुक्खू किसी जमाने पूर्व संचार मंत्री सुखराम के गॉड सन माने जाते थे।उन्होंने उस दौरान तरक्की भी खूब की। लेकिन वो मास लीडर कभी नहीं बन सके।पार्टी में वो अध्यक्ष पद तक पहुंच गए हैं। लेकिन जनता में उनकी पैंठ नहीं बन पाई है।
अब वो मुख्यमंत्री व विरोधियों के निशाने पर आ गए है और वो हमले का जवाब देने की भी स्थिति में नहीं हैं।
कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता ने सुक्खू के खिलाफ अंबिका सोनी को जो चिटठी लिखी हैं वो यहां पर पेश हैं -:
सेवा में,
श्रीमति अम्बिका सोनी जी (सांसद)
महासचिव एवम् प्रभारी हिमाचल
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति
24,अकबर रोड न्यू देहली
विषय-:हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की वर्तमान स्तिथि बारे एक पत्र
महोदया,मै वर्तमान में कांग्रेस संगठन में पैदा किये जा रहे बिखराव के सम्बन्ध में निन्मलिखित पहलू आपके ध्यानार्थ लाना चाहता हूँ-:
हिमाचल प्रदेशकांग्रेस संगठन में बिखराव के लिए सु क्खू दोषी हैं।
क्योंकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अवैध खननएचुनाव आयोग को दिया झूठा शप्तथ पत्र और 760 कनाल गैर मुमकिन दरिया खरीदने के आरोपों में घिरे हैं इस लिए वो इन मामलों से ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस संगठन का इस्तेमाल करके प्रदेश सरकार के विरुद्ध अनुशासनहीन बयानबाज़ी करवा कर लोगों का ध्यान बांटने की कोशिश कर रहे हैं।ये जग जाहिर है कि सुक्खू धूमल की बी टीम के सदस्य रहे हैं जिसका प्रमाण 2008 के चुनावों में उनकी भूमिका बारे केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक की रिपोर्ट साफ़ दर्शाती है।यहां तक कि भाजपा सांसद सार्वजनिक तौर पर ये कह चुके हैं कि सुखु ने लोकसभा चुनावों में उनकी मदद की है।
जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो ठाकुर कौल सिंह के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ पांच साल संघर्ष किया जबकि उस वक़्त सुखु जो कांग्रेस विधायक थेएधूमल जी के मुख्यमंत्री बनने पर ब्लाक कांग्रेस के नेतृत्व में उनका स्वागत करने के लिए सार्वजनिक तौर पर आये और कांग्रेस सदस्यों के साथ सड़कों पर स्वागत किया।ये क्या थाघ् क्या ये मिलीभगत नहीं थी।
आज जो कर्मठ कार्यकर्ताओं की बात की जा रही हैएजो लोग भाजपा सरकार से पांच साल लड़ते रहे एकांग्रेस की सत्ता आने पर वो लोग पर्दे के पीछे धकेल दिए गए।ये लोग वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष को नज़र क्यों नहीं आएघ्आज जब उनके ऊपर आरोप लगे है तो ध्यान बंटाने के लिए संगठन का इस्तेमाल किया जा रहा है।क्या ये अनुशासनहीनता नहीं है। हक़ीक़त ये है कि सुक्खू का अध्यक्ष बनना ही कांग्रेस के कद को बौना कर गया।इतने हल्के तरीके से संगठन को चलाया गया कि गरिमा ही खत्म करदी।
आज कांग्रेस में बिखराव की स्थिति आ गयी है।ठेकेदारों,व्यवसायिक दृष्टि से सत्ता लोलुप्त लोग कब्ज़ा करना चाहते हैं।जब ऐसे लोगों का बोलबाला रहेगा कांग्रेस को दुबारा सत्ता में नहीं लाया जा सकता।जब तक नैतिकएबौद्धिक मूल्यों पर चलने वाले सिद्धांतवादी लोग कांग्रेस को नहीं सम्भालतेएसंगठन की मजबूती सम्भव नहीं है।
आज स्थिति ये है कि अगर कांग्रेस सरकार और संगठन दोनों में एकरूपता आ जाए तो सरकार रिपीट करने का सुनहरा मौका है लेकिन लगता है सत्ता के दलाल लोग समझौते के तहत भाजपा को सत्ता सौंपने का खेल तय कर चुके है।लड़ाई तो 2022 के चुनावों को ध्यान में रखकर लड़ी जा रही है।ये दुर्भाग्यपूर्ण है।अनुशासनहीनता का आलम ये है कि प्रदेश पदाधिकारीएज़िला अध्यक्ष सरेआम सरकार के विरुद्ध मीडिया में ब्यांनबाजी कर रहे हैं । क्या ये अनुशासनहीनता नहीं है।
मेरे जैसे निस्वार्थ कार्यकर्ता द्वारा जब एक अहम मुद्दे पर नैतिक मूल्योंएसिद्धांतों की बात का मात्र सुझाव रखाएमुझे बेइज़्ज़त करके निलम्बित कर दिया।
महोदयाए ये सब लिखने का मेरा मक़सद एक ही है कि प्रदेश के राजनैतिक विश्लेषक भी ये मानते हैं कि अगर कांग्रेस शीघ्र एकरूपता के साथ पुनर्गठित हो कर एकजुट हो जाए तो दुबारा सत्ता प्राप्त की जा सकती है।
इसी संकल्प को पूरा करने के उदेश्य से ये पत्र लिखने की तुच्छ चेष्ठा मैं कररहा हूँ।अगर कोई गलती हो या एक कार्यकर्ता की हैसियत से अधिक कुछ लिख गया हूँ तो क्षमा प्रार्थी हूँ।अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि हिमाचल कांग्रेस की इस दयनीय स्तिथि से बाहर निकालने हेतु उचित कदम उठायें।
धन्यवाद
आपका कर्मठ कार्यकर्ता
दीपक शर्मा
पूर्व प्रवक्ता
प्रदेश कांग्रेस समिति
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