शिमला। आखिरकार कुल्लू के डीसी व 2008 बैच के आइएएस हंसराज चौहान बुजुर्ग मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह केे गुुस्से का शिकार हो ही गए हैं । उन्हें 15 सितंबर को डीसी कुल्लू के पद से हटाकर सचिवालय में पटक दिया है।उनकी जगह पर 2010 बैच केे आइएएस युुनूस को तैनात किया गया हैे। युनूस को हाल ही में डीसी उना के पद से हटाकर सचिवालय में पटका था।बताते है कि उना के नेताओं को उनके कामकाज करने केे तौर तरीकों से नाराजगी थी।
जबकि हंस राज चौहान से प्रदेश के बुजु्र्ग मुखिया ही नाराज हो गए थे और उन्होंने ट्रांसफर का एलान भी स्टेज से ही कर दिया था। लेकिन अमलीजामा आज पहनाया गया है। सचिवालय से सुबह ही फरमान निकाल दिया गया। पहले समझा जा रहा था कि मुख्यमंत्री का गुस्सा शांत हो जाएगा।चूंकि हंसराज चौहान उनके लाडले अफसरों में से ही थे।ऐसे में उनसे रंजिश नहीं निकाली जाएगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं उन्हें युनूस की जगह स्पेशल सेक्रेटरी पीडब्ल्यूडी लगाया गया है।
इसके अलावा डीसी कांगड़ा के पद पर सीपी वर्मा को तैनात किया गया है। वो 2010 बैच के आइएस है। चौहान व वर्मा एचएएस से आईएएस प्रमोट हुए हैं।
इससे पहले बद्दी में तैनात आईपीएस अफसर एएसपी गौरव शर्मा पर वहां के विधायक राम कुमार गुस्सा हो गए थे। गौरव शर्मा ने रामकुमार की बीवी के ट्रक का चालान कर दिया था। बुजुर्ग मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लाडले अफसरों ने युनूस व गौरव शर्मा के मामलों में हाईकोर्ट में दिलचस्प जवाब दिया था कि सरकार नेइन अफसरों को बड़ी जिम्म्ेदारी सौंपी है।हाईकोर्ट ने इन दोनों तबादलों को संज्ञान लिया था।
गौरतलब हो कि कुल्लू दौरे केे दौरान मुख्यमंत्री गुस्से मेंआ गए थे। बताते है कि उन्हें गुस्सा इस बात था कि उनकी चोली छोड़ कर महेश्वर सिंह उनके राजनीतिक दुश्मन प्रेम कुमार धूमल की गोद में क्योंं चले गए थे। सरकार ने महेश्वर सिंह को मजा चखाने के लिए उनके रघुनाथ मंदिर को टेकओवर कर लिया था। डीसी हंसराज चौहान इस मामले को सहीढंग से हैंडल नहीं कर पाए थे।ऐसे में सीएम ने उन पर गाज गिरा दी।
गुस्सा तो मुख्यमंत्री को कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के पोस्टरों पर भी था।सुक्खू ने कांग्रेस के बैनर तलें जुमलों के बोल, मोदी के ढोल नाक कार्यक्रम चला रखा है। बताते है कि ये कार्यक्रम कांग्रेस कार्यकर्ताओं को व्यस्त रखने के लिए रखा गया है। जब सीएम कुल्लू के दौरे पर थे तो सुक्खू को ये प्रोग्राम भी वहां पर चला हुआ था और जगह पोस्टर लगे थे। लेकिन इन पोस्टरों में सीएम की कोई तस्वीर नहीें थी।जिस पर सीएम भड़क गए व उन्होंने सारे के सारे पोस्टर तुरंत हटाने के आदेश दे डाले। आखिर में इन सबकी गाज डीसी पर गिर गई।
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