शिमला।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सखा वक्कामूला चंद्रशेखर व उसके पॉवर प्रोजेक्ट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटों अरुण धूमल व अनुराग ठाकुर ने प्रदेश भर में हाहाकार मचाया था,उस पॉवर प्रोजेक्ट पर सुनवाई अब २८ नवंबर को होगी।वक्कामूला ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी को तीन करोड़ नब्बे लाख का कर्ज दिया था। जिस पर भाजपा ने खूब विवाद खड़ा किया था।
प्रदेश सरकार ने वक्कामूला चंद्रशेखर की कंपनी मैसर्स वेंचर एनर्जी एंड टैक्नालॉजी प्राइवेट लिमिटेड को चंबा के साइ कोठी में ये १७ मेगावाट का प्रोजेक्ट आवंटित किया था। लेकिन वक्कामूला ने इस पर काम नहीं किया तो इस आवंटन को रदद कर दिया । बाद में वक्कामूला अदालत चला गया और वीरभद्र सिंह सरकार ने इस प्रोजेक्ट को प्रोजेक्ट को वक्कामूला को अलॉट कर दिया।
वक्कामूला ने तब भी पैसा जमा नहीं कराया। इस बीच मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की आय से अधिक संपति का मामला सामने आ गया व पता चला कि वकामूला ने वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी व पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह को तीन करोड़ नब्बे लाा रुपए का कर्ज दे रखा है। धूमल के बेटे अरुण धूमल ने इस मसले पर खूब हल्ला मचाया था व आरोप लगाया कि वक्कामूला को ये प्रोजेक्ट गलत तरीके से दिया जा रहा है व इसमें भ्रष्टाचार हो रहा है।
वक्कामूला से सरकार ने प्रोजेक्ट में देरी के लिए वक्कामूला से एक करोड़ से ज्यादा की राशि जमा कराने को कहा लेकिन समय में विस्तान देने के बावजूद भी वक्कसमूला ने ये राशि जमा नहीं कराई व सरकार ने १२ नवंबर २०१३ को इस आवंटन को रदद कर दिया। तब तक ये मामला विवादों में आ गया था।
वक्कामूला ने सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी । इस मामले में २२ अगस्त को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मंसूर अहमद मीर व जस्टिस त्रिलोक चौहान की अदालत में सुनवाई हुई ।सुनवाई के दौरान वक्कामूला के वकील ने बहस के लिए समय मांगा । इस पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई २९ नवंबर के लिए रखी है। सरकार ने इस मामले में स्टैंड ले रखा है कि सरकार ने इस प्रोजेक्ट को सही रदद कर रखा है। जबकि वक्कामूला की ओर से दलील दी गई है कि समय विस्तार की एवज में जो फीस उससे मांगी जा रही है वो ज्यादा है।अब इस मामले में बहस होनी है।
उधर, इस मसले को लेकर धूमल परिवार खामोश हो गया है। वीरभद्र सिंह के आय से अधिक संपति मामले में सीबीआई व इडी वक्कामूला को लेकर भी जांच कर रही हैं।
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