शिमला/मंडी।2017 के विधानसभा चुनावोंं से पहले उम्मीद के मुताबिक प्रदेश में सरकारी नौकरियों में कांट्रेक्ट की अवधि को तीन साल करने की मांग उठ गई है।कांट्रेक्ट पर भरी जाने वाली सरकारी नौकरियों को तीन साल के बाद नियमित करने की मांग को लेकर प्रदेश की वीरभद्र सरकार एक अरसे से ब्लू प्रिंट बनाने में लगी थी। लेकिन कर्मचारियों कीओरसे इस बावत मांग नहीं उठ रही थी।
अब हिमाचल अनुबंध अध्यापक संघ ने वीरभद्र सरकार के केबिनेट मंत्री प्रकाश चौधरी के समक्ष अपनी मांग रख कर सरकार के साथ-साथ मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी को भी अपना स्टैंड स्पष्ट करने के लिए मजबूर कर दिया है।
इस महत्वपूर्ण मांग को लेकर हिमाचल अनुबंध अध्यापक संघ की मंडी इकाई अध्यक्ष संदीप कुमार व उपाध्यक्ष राजेश राव की कमान में आबकारी व करााधान मंत्री प्रकाश चौधरी से मिले व मांग की fd रेगुलर करने केे लिए कांट्रेक्ट की अवधि पांच से तीन साल की जाए। साथ ही अनुबंध कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता सूची में डाला जाये ।
हिमाचल अनुबंधअध्यापक संघ के महासचिव अविनाश भलारियाा की ओर से मीडिया को जारी विज्ञप्ति में संघ के जिला मंडी अध्यक्ष संदीप कुमार ने दावा किया कि प्रकाश चौधरी ने संघ की मांगों को वीरभद्र सरकार के समक्ष उठाने का भरोसा दिया है। वहीं उपाध्यक्ष राजेश राव ने दावा किया कि प्रकाश चौधरी मुख्यमंत्री से संघ के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात भी कराएंंगे।
संघ की मांग है कि पंजाब की तर्ज पर अनुबंध 3 साल से अधिक का नहीं रखना चाहिए ताकि प्रदेश के 20 हजार अनुबंध कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेे।
प्रदेश के कर्मचारियों की ये मांग विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण मांग बनने वाली है व इस पर प्रदेश के सारे कर्मचारी भी एक हो जांएगे। वीरभद्र सिंह सरकार ने नियमितिकरण के लिए कांट्रेक्ट की अवधि सात से पांच साल की थी। अब इसे तीन साल करने का जुगाड़ कर चुनाावी लाभ लेने की कवायद हो रही है। इससे पहले की भाजपा इस पर कुछ मांग या वादा कर पाती सरकार ने चुनावी चाल चल दी है।हालांकि प्रदेश की वितीय स्थिति ऐसा करने की इजाजत देती है ये अलग मसला है। सुप्रीम कोर्ट ने अनुबंध व रेगुलर कर्मचारियों,जो एक सा काम करते है ,उन्हें समान वेतन देने का फैसला पहले ही दे रखा है।
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