शिमला। पच्छाद से भाजपा की बागी दयाल प्यारी के जयराम सरकार व भाजपा की ओर से अपहरण के संदेह के बीच बीती रात को पच्छाद से लेकर सोलन तक उनके परिजनों और समर्थकों की ओर से उनकी तलाश जारी रही।
सुबह तो दयाल प्यारी के पति पृथ्वी सिंह, उनके ससुर व बाकी समर्थक पच्छाद से दयाल प्यारी को ढूंढते हुए सोलन में ओच्छघाट स्थित शगुन होटल के बाहर आ धमके और उन्होंने दयाल प्यारी के गायब होने तक के इल्जाम लगा दिए । उनके पति पृथ्वी सिंह ने कहा कि पच्छाद की जनता दयाल प्यारी के साथ है और वह नामांकन वापस नहीं लेना चाहती है। उन्होंने कहा कि पिछल्ले रोज से लेकर अब तक उनका दयाल प्यारी से कोई संपर्क नहीं हुआ है। उन पर दबाद बनाया जा रहा है।
इस बीच तमाम मीडिया व बाकी समर्थक भी सोलन में पहुंच गए और हंगामा हुआ। यही नहीं कांग्रेस पार्टी भी हरकत में आ गई और उसने भी अपने कुछ समर्थक दयाल प्यारी के समर्थकों के साथ लगा दिए। इसके बाद शिमला से लेकर सोलन व नाहन तक राष्टÑीय खुफिया अमला भी हरकत में आ गया।
हंगामा होने के बाद दयाल प्यारी सोलन में दस बजे के करीब अचानक प्रकट हो गई और उन्होंने कहा कि ेकि वह अपनी जनता के साथ है और चुनाव मैदान से बाहर नहीं होंगी। उन्होंने मीडिया से कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिली थी। उनपर कोई दबाव नहीं है। लेकिन उनकी जनता चाहती है कि वह चुनाव मैदान में उतरे। इसके अलावा वह आज भी मौजूदा सांसद सुरेश कश्यप और राज्य विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी से नाराज दिखी। उन्होंने कहा कि अगर वह शिमला से
अपने इलाके के लोगों के काम को करवा भी लेगी तो स्थानीय नेता अपने तानाशाही के चलते काम नहीं होने देंगे। ऐसे में पच्छाद की जनता उन्हें विधायक देखना चाहती है। उन्होंने कहा कि वह है तो भाजपा की ही।
इसके बाद उन्हें उनके समर्थक गाड़ी में धकेल कर ले गए। पहले लगा कि भाजपा अध्यक्ष सतपाल सती और बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर उनको तीन बजे तक कहीं मना न ले। लेकिन जब तीन बजे तक उन्होंने नामांकन वापस नहीं लिया तो उनके समर्थकों ने राहत की सांस ली। इस बीच उन्होंने अपने कुलदेवता भूरेश्वर महादेव के पास मत्था टेका व बानवा गांव से अपने समर्थकों के साथ प्रचार का आगाज किया।
शाम को उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने के बाद उनके साथ जो लोग आए थे वह शगुन होटल में ठहराना चाहते थे। सोलन में उनके भाई रहते है तो वह उनके यहां ठहर गई। उन पर दबाव था या उनका अपहरण किया गया था, ये पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हर पार्टी चाहती है कि उनका परिवार एक रहे। लेकिन अब रास्ते अलग हो गए है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पति को कहा था कि वह सोलन में रुकगी लेकिन उन्हें पता नहीं क्यों लगा कि मेरा अपहरण हो गया है। जो भी हुआ वह अब समाप्त हो गया है। वह प्रचार में लग गई।
यह पूछे जाने पर कि उन्हें जिन नेताओं ने जलील किया क्या उनके कारनामों को जनता के बीच ले जाएंगी? दयाल प्यारी ने कहा कि उनके साथ जो हुआ वह सारी दुनिया ने देखा । सारा पच्छाद जानता है। जनता समझदार है।
उन्होंने कहा कि उनके लिए यह चुनाव बेहद मुश्किल है। एक तरफ सरकार है व दूसरी ओर देश की बड़ी पार्टी कांग्रेस है। वह अकेले कुछ नहीं कर सकती। एक तरफ ये सब है और एक तरफ पच्छाद की गरीब व भोलीभाली जनता है जिसका समर्थन उनके साथ है। वह तमाम पंचायतों के वार्ड सदस्यों से लेकर मंहिलामंडलों,बीडीसी सदस्यों व जिला परिषद सदस्यों के दरवाजे पर जाकर अपने लिए समर्थन मांगेगी।
महिलाओं से क्या वह कुछ खास भरोसा देंगी। दयाल प्यारी ने कहा कि केरल में महिलाओं ने कुटुंब श्री परियोजना चला रखी है वह विधानसभा जाकर ऐसी ही योजना को पच्छाद की महिलाओं के लिए शुरू करना चाहेंगी। बहरहाल, दयाल प्यारी कुछ भी कहे लेकिन सुबह उनके पति, ससुर और समर्थकों का उन्हें ढूंढते हुए सोलन तक आ जाना कई कुछ बयान कर जाता है।
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