शिमला।विकलांग लोगों को देश की पूंजी करार देते हुए हाइ्रकोर्ट के जस्टिस राजीव शर्मा ने कहा कि इन लोगों को बेहतर शिक्षा, खाना और आर्थिक तौर पर मजबूत होने का पूरा अधिकार है। इन अधिकारों को इनसे कोइ्र नहीं छीन सकता। अगर कोई विकलांगों के अधिकारों पर हमला करता है तो न्यायपालिका के दरवाजे उनके लिए खुले है।
जस्टिस राजीव शर्मा यहां उमंग फाउडेंशन की ओर से विकलांगों के लिए आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि संविधान में विकलांगों के अधिकारों की रक्षा के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए है।अगर कोई अथारिटी इन प्रावधानों की अवहेलना करती है तो उनके लिए दंड का प्रावधान है।
जस्टिस शर्मा ने कार्यशाला में आए प्रतिभागियों से कहा कि अगर उन्हें लगता कि उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है तो वो मुख्य न्यायाधीश ,डीसी और राज्य सरकार को सीधे शिकायत कर सकते है।
अगर उनकी ओर से उठाए मुददे पर कहीं कोई गौर नहीं हुआ है तो वो सीधे तौर पर उनसे भी मिल सकते है। अदालतों ने पहले भी ऐसे मसलों पर राहत दी है और आगे भी विशेष तौर पर ध्यान दिया जाएगा।
विकलांगों के लिए सरकारी नौकरियों में तीन प्रतिशत के आरक्षण का प्रावधान है लेकिन बेहतर शिक्षा लेकर वह अपने सपनों को पूरा कर सकते है।
इस मौके पर उन्होंने 32 गीगाबाइट मैमरी के एंजेल प्लेयर्स भी इन लोगों को बांटे।इस मौके पर उमंग फाउंडेशनके संयोजक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि इन विकलांग बच्चों के लिए स्पेशल कक्षाएं आयोजित की जातीहै।
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