शिमला। संयुक्त उपक्रम सतलुज जल विद्युत निगम के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से चिनाब बेसिन के अलावा स्पिति और अपर सतलुज घाटी के तमाम चिन्हित जल विद्युत परियोजनाओं को निगम को आवंटित करने की मांग की है। इन बेसिनों में दो हजार से 22 सौ मेगावाट की बिजली परियोजनाओं के लगने की संभावना है।
राजधानी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शर्मा ने कहा कि यहां पर लगने वाली परियोजनाओं को एक ही डवलपर्स को देने से उसकी लागत घट जाएगी। इससे सरकार को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि चिनाब बेसिन पर 15-20 सालों से छोटी परियोजनाएं निजी लोगों को आवंटित की गई है लेकिन वह एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाए है।
ऐसे में इन तमाम परियोजनाओं को एसजेवीएनएल को देकर प्रदेश की अािर्थकी में गति आएगी। शर्मा ने दावा किया कि इस बावत उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम, मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी और प्रधान सचिव विद्युत के साथ मामला उठाया है व उन्हें सकारात्मक नतीजों की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी के दौर में प्रदेश में एसजेवीएनएल ही आगामी दिनों लूहरी परियोजना के सभी चरणों व धौलासिद्व परियोजना का काम शुरू करने वाली है। इन्हीं परियोजनाओं में 25 सौ करोड़ रुपए का निवेश हो जाएगा। उन्होंने कहा कि निगम की नाथपा झाकड़ी और रामपुर परियोजनाओं में इस बार गाद की वजह से ढाई दिन ही उत्पादन बंद रहा। इसकी वजह से इस बार रिकार्ड उत्पादन होने की संभावना है।
एसजेवीएनल को एनटीपीसी के साथ विलय के मसले पर उन्होंने कहा कि वह तो केवल प्रबंधन का काम देखती है। इस निगम की मालिक केंद्र सरकार, राज्य सरकर और आम जनता है। आम जनता के 11 फीसद के करीब शेयर है। इस बावत कोई फैसला लेना है तो इन तीनों को ही लेना है। इस बावतवह ज्यादा कुछ नहीं बता सकते ।
उन्होंने कहा कि निगम ने 2040 तक 25 हजार मेगावाट तक का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है व इसके लिए तैयारी भी की जा रही है। 2023 तक पांच हजार मेगावाट बिजली की परियोजनाएं चला दी जाएगी। इस मौके पर उन्होंने पन विद्युत परियोजनाओं को स्थापित करने में आने वाली चुनौतियों का भी जिक्र किया और कहा कि मंदी के इस दौर में एसजेवीएनएल को वित संस्थाएं वित मुहैया कराने के लिए इंकार नहीं करेगी। क्योंकि निगम का अब तक कारोबार शानदार रहा है।
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