शिमला। प्रदेश सरकार ने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल, अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक सानन, एचएएस अधिकारी गोपाल शर्मा, अजय शर्मा व धर्मशाला एमसी के कायर्कारी अधिकारी के खिलाफ अदालत में मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल से अभियोजन चलाने की मंजूरी मांगी है। सरकार ने ये फाइल राज्यपाल को भेजी।
भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक बीते रोज सरकार ने विजीलेंस को फाइल वापस भेज दी थी। सरकार ने दलील दी थी कि अभियोजन की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। लेकिन विजीलेंस अफसरों की एक और महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें तय किया कि सीआरपीसी की धारा 197 के तहत मंजूरी ले ली जानी चाहिए। अन्यथा आरोपी व्यक्ति अदालत का दरवाजा खटखटा सकते है। अब मामला राज्यपाल उर्मिल सिंह के पाले में पहुंच गया है।
सूत्रों के मुताबिक अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मामला राज्यपाल को भेज दिया है।
मामले में पांच लोगों पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, अतिरिक्त मुख्यसचिव दीपक सानन, एचएएस अफसर गोपाल शर्मा, एचएएस अफसर अजय शर्मा व धर्मशाला एमसी के तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। जबकि मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात तीन पूर्व आईएएस अफसरों सुभाष आहलुवालिया, टीजी नेगी,टीसी जनार्था व बाकियों को एफआईआर के खाना नंबर 12 में शामिल किया गया है। चालान में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर व एचपीसीए के दर्ज भर पदाधिकारियों का नाम भी शामिल है।
विजीलेंस ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को धूमल सरकार के समय आवंटित जमीन के मामले में 1 अगस्त 2013 को एफआईआर दर्ज की थी। इस एफआईआर को रदद करने के लिए एचपीसीए ने सुप्रीम कोर्ट भी याचिका दायर की थी। सुप्रीमकोर्ट ने मामला हाईकोर्ट को भेज दिया है । एचपीसीए ने इसी मामले में वीरभद्रसिंह को पार्टी बनाने के लिए भी याचिका दायर की हुई है। मामलाहाईकोर्ट में लंबित है। सरकरने नंवबर 2013 में एचपीसीए को लीज पर दी जमीन की लीज रदद कर कर दी थी और आधी रात को पुलिस के दम पर कबजा कर लिया था। एचपीसीए को हाईकोर्ट ने दोबरा कब्जा दिलाया था।
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