शिमला। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के चर्चित अधिकारी व अर्की के पूर्व एसडीएम विकास शुक्ला और अर्की नगर समिति के पार्षद अनुज गुप्ता के खिलाफ अर्की थाने में एफआइआर दर्ज हो गई हैं। अनुज गुप्ता पर चुनाव में नामांकन भरने के दौरान शपथपत्र में झूठी जानकारी देकर एसडीएम से नो डयू प्रमाणपत्र हासिल करने का इल्जाम है व शुक्ला पर साजिश कर ये प्रमाणपत्र जारी करने का इल्जाम हैं।
दोनों के खिलाफ ये एफआइआर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लाक अर्की दिव्या शर्मा के आदेश पर दर्ज की गई हैं।
ये हैं मामला
अर्की के रमेश सोनी ने अदालत में एडवोकेट आर एल ठाकुर की मार्फत 156/3 के तहत शिकायत की थी कि 2020-21 में नगर समिति अर्की के हुए चुनाव में अनुज गुप्ता ने वार्ड नंबर चार से चुनाव लड़ा था व वह विजयी घोषित हुआ था। इसके बाद वह समिति का अध्यक्ष चुन लिया गया लेकिन उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ जाने के बाद वह अपना कार्याकाल पूरा नहीं कर सका।
सोनी ने अपनी शिकायत में कहा था कि बाद में आरटीआइ के जरिए मालूम हुआ कि गुप्ता ने नामांकन के दौरान शपथपत्र में झूठी जानकारी दी थी। अनुज गुप्ताा ने चुनाव के बाद 52 हजार 166 रुपए का हाउस टैक्सं अदा किया था जबकि नामांकन के साथ भरे शपथ पत्र में कहा था कि उसका कोई कर व अन्य सरकारी भुगतान अदा नहीं करना हैं। वार्ड सदस्य के लिए तभी चुनाव लड़ा जा सकता था जब प्रत्याशी ने तमाम सरकारी देयों का भुगतान कर दिया हो।
अदालत के नोटिस में यह भी लाया गया कि उस दौरान अर्की के तत्कालीन एसडीएम और नगर समिति अर्की के सचिव व एसडीएम अर्की विकास शुक्ला ने इस जानकारी को छिपाया व गुप्ता को झूठा नो डयू सर्टिफिकेट जारी कर दिया।
एसपी सोलन तक पहुंचा था मामला
रमेश सोनी ने अपनी शिकायत में कहा कि गुप्ता व शुक्ला ने मिलीभगत कर झूठे दस्तावेज तैयार किए। सोनी ने 16 फरवरी को एसएचओ अर्की को भी इस बावत शिकायत दी थी कि इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए। लेकिन अर्की पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद एसपी सोलन को भी शिकायत भेजी गई लेकिन तब भी पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसके बाद 156/3 के तहत शिकायत कर्ता ने अपने वकील आर एल ठाकुर के मार्फत अर्की की अदालत में याचिका दायर कर दी। अदालत ने 10 अक्तूबर को अर्की पुलिस से स्टेटस रपट मांगी । अर्की पुलिस ने 16 अक्तूाबर को स्टेटस रपट दायर करने के लिए और समय मांगा। 19 अक्तूबर को अर्की पुलिस ने अदालत में कहा कि इस मामले में पुलिस की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं।
ज्यूडिशयल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास अर्की दिव्या शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि शिकायत कर्ता सोनी ने गुप्ता की ओर स 23 दिसंबर 2022 को चुनाव अधिकारी के समक्ष पेश किए शपथ पत्र के अलावा एसएचओ अर्की व एसपी सोलन को भेजी शिकायतों को अदालत में पेश किया । इन दस्ताावेजों के आधार पर पृथम दृष्टाया लगता है कि गुप्ता व शुक्ला ने आपराधिक षडयंत्र कर जालसाजी की और झूठा शपथपत्र पेश किया।
ज्यूुडिशयल मजिस्ट्रे ट दिव्यां शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में एफआइआर दर्ज करने के लिए तमाम तार्किक आधार है ऐसे में एस एचओ अर्की को इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए जाते हैं । यह आदेश अर्की थाने में पहुंच गए और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया हैं।
पहले भी चर्चित रहे हैं विकास शुक्ला
याद रहे विकास शुक्ला पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार में तब सुर्खियों में आए थे जब उन्हों्ने शिलाई में बतौर एसडीएम लड़कियों के बाहरी राज्यों के लिए बेचे जाने पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए थे। लेकिन तब वीरभद्र सिंह सरकार उनसे नाराज हो गई थीं व रातों-रात उनका तबादला कर डाला था। इसके अलावा उन्होंने वहां पर एक लाख बीघा भूमि जो लोगों के नाम हो गई थी उसे भी सरकार में शामिल करने का आदेश जारी किया था।
वह कई कड़े कदम उठाने को लेकर सुर्खियां बटोरते रहे थे लेकिन यहां पर वह चूक कैसे कर गए यह अब पुलिस जांच में ही मालूम होगा। अगर जांच में कोई साजिश सामने आ गई तो शुक्ला मुश्किल में आ सकते हैं।
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