शिमला। कटौती प्रस्ताव व वित विधयेक के दौरान हिमाचल विधानसभा से गैर हाजिर रह कर व्हीप का उल्लंघन करन के मामले में विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया की ओर से अयोग्य ठहराए गए गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा ने अपने पिता पूर्व आइएएस अधिकारी राकेश शर्मा के खिलाफ शिमला पुलिस की आोर से एफआइआर दर्ज करने को दुर्भाग्य पूर्ण करार दिया हैं।राकेश शर्मा 1981 बैच के आइएएस अफसर थे व वह उतराखंड के मुख्य सचिव भी रह चुके हैं।
चैतन्श् शर्मा ने कहा कि उन्होंने सुना है कि एफआइआर में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराएं जोड़ी गई हैं । अगर ऐसा है तो ये विजीलेंस के तहत मामला दर्ज होना चाहिए था। पुलिस ने कैसे मामला दर्ज किया है ये पता नहीं हैं। कानूनी तौर पड़ताल की जाएगी।
reporterseye.com से मोबाइल पर बातचीत के दौरान चैतन्य शर्मा ने कहा कि उनके पिता का कहीं कोई हाथ नहीं हैं वह तो गगरेट में केवल समाज सेवा के लिए आते हैं। वह सतर साल के हैं व मधुमेह से ग्रसित है। उनके खिलाफ एफआइआर होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ किया है वह उन्हें बहुत अच्छे से जानते हैं।
उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें एफआइआर के तथ्यों को लेकर कुछ नहीं बताया गया हैं। उन्हें पता चला है कि कि मनाली से विधायक भुवनेश गौड़ की शिकायत पर कोई एफआइआर दर्ज की गई हैं। इसे लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। यह राजनीतिक जंग है । अभी सुप्रीम कोर्ट में उनका मामला लगना है। उन्होंने कहा कि उन लोगों के ठिकानों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर सरकार की ओर से दबिश दी जा रही हैं।
ये पूछे जाने पर कि वह हिमाचल कब आएंगे। चैतन्य ने कहा कि प्रदेश में हालात ठीक नहीं है। बहरहाल जब एफआइआर उन्हें मिलेगी तो वह ठीक से कुछ कह पाएंगे।
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