शिमला। पूर्व डिप्टी स्पीकर धर्मपाल ठाकुर की आईजीएमसी में कई साल पहले हुई मौत पर सीएम वीरभद्र सिंह ने आईजीएमसी के डॉक्टरों को लेकर तल्ख टिप्पणी की थी कि दे आर नॉट डॉक्टर्स दे आर बूचर्स।
तब से लेकर आईजीएमसी में कहीं कुछ नहीं बदला है।बुधवार व वीरवार की रात को कोटखाई से पूनम शर्मा नामक युवती की मौत हो गई इस पर आईजीएमसी में हंगामा हो गया।सीमएम वीरभद्र सिंह की उस तल्ख टिप्पणी के बाद अब पूनम की मौत को लेकर राजनीतिक सर्कल से फिर आईजीएमसी की कारगुजारियों पर सवाल उठाया गया है।इस बार कोटखाई के थरोला वार्ड से जिला परिषद सदस्य नीलम सरीक ने कहा है कहा कि इस घटना क्रम से उनके परिवार के साथ पूरे क्षेत्र की जनता को इससे गहरा अघात पहुंचा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि यदि आईजीमएसी अस्पताल प्रशासन का ये दावा सही है, कि वहां पर लड़की का हर तरह से इलाज हुआ है, तो कोटखाई की जनता यह जानना चाहती है कि उसकी मौत क्यों हुई? उन्होंने कहा कि प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में लोग मरने नहीं अपनी जान बचाने के लिए आते है।
इसलिए इस बात की पूरी छानबीन होनी चाहिए की मृत्यु का क्या कारण है। और यदि किसी तरह की लापरवाही हुई है तो क्या अस्पताल प्रशासन इस पर उचित कारवाई करेगा या और मामलों की तरह इसे भी रफादफा कर देगा।
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