शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनके बेहद करीबी अफसर सुभाष आहलुवालिया पर केंद्र में मोदी सरकार में डेपुटेशन में गए व शिमला मेें इडी में तैनात सहायक निदेशक भूपेंद्र सिंह नेगी ने उसे धमकाने व आहलुवालिया के इशारों पर चलने केलिए दबाव डालने का खुलासा किया है। जिस पर आज प्रदेश विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ और प्रश्नकाल के बीच भाजपा विधायकों ने सरकार व सीएम वीरभद्र सिंह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष धूमल समेत भाजपा विधायक इस मसले पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। भाजपा विधायकों ने कहा कि सीएम आफिस भ्रष्टाचार का अडडा बन गया है और प्रश्नकाल के बीच नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
इस बीच प्रश्नकाल चलता रहा। पूरा विपक्ष प्रश्नकाल के बाद वापस सदन में लौट आया।
लेकिन जिस तरह से इडी केसहायक निदेशक की चिटठी बाहर आई है और इसमें उसने सुभाष आहलुवालिया के अलावा मुख्यमंत्री के सुरक्षा अधिकारी पदम को भी लपेट लिया है। नेगी ने कहा कि पदम ने दो दो शादियां कर रखी है ओर उसने मामले की जांच की थी। ऐसे में सुभाष आहलुवालिया और पदम उससे रंजिश रखते है। इसलिए इन्होंने सरकार को उनकेपीछे लगा दिया।
नेगी की ओर से इस चिटठी लिखने के बाद प्रदेश सरकार ने 13 अगस्त को एक और चिटठी केंद्रीय वित मंत्रालय को लिख दिया। जिसमें कहा गया है कि प्रदेश में एएसपी के कई पद खाली है ऐसे मेंनेगी को वापस प्रदेश को लौटाया जाए।
अब ये चिटिठयां धूमल के हाथ पास पहुंच गई और सदन में आज हंगामा हो गया।
यहां पढ़े मोदी सरकार की इडी में तैनात व सीएम वीरभद्र सिंह के प्रधान निजी सचिव पूर्व आईएएस सुभाष आहलुवालिया की फेमा के तहत हुई ट्रांजेक्शन की जांच करने वाले अफसर भूपेंद्र सिंह नेगी की पूरी चिटठी -:
(0)