शिमला।अवैध खनन से प्रदेश सरकार को 80 करोड़ का चूना लगाने वाले खनन माफिया लखविंदर सिंह और ऊना के माइनिंग अधिकारी नीरज कांत की ओर से साथ देने के मामले में ईडी ने धर्मशाला की मंनी लॉड्रिंग अदालत में इनके खिलाफ 12 मार्च को दायर चालान पर विशेष अदालत (पीएमएलए) ने संज्ञान ले लिया हैं। बीते रोज यानी पांच अप्रैल को यह संज्ञान लिया गया।
याद रहे ईडी ने 12 मार्च को विशेष अदालत(पीएमएलए)धर्मशाला में अवैध खनन मामले में जांच पूरी कर चालान पेश कर दिया था। चालान में खनन माफिया लखंविदर सिंह, उसके सहयोगियों और ऊना में तैनात खनन अधिकारी नीरज कांत को आरोपी बनाया गया हैं।जांच के बाद ईडी ने अदालत में प्रासिक्यूशन कंपलेंट या चालान दायर कर दिया।
इस मामले में अवैध खनन गतिविधियां चला कर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने, धोखा देने व गैर कानूी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों में ऊना सदर थाने में 2022 में एफआइआर दर्ज की गई थी। बाद में इस मामले में ईडी ने भी जांच की
ईडी जांच में सामने आया कि लखविंदर सिंह ऊना में तीन क्रशर चलाता था। उसने हिमाचल प्रदेश माइनर मिनलर्ज(कनसेशन)एंड मिनरर्ल्ज (प्रिवेंशन ऑफ इलीगल माइनिंग ट्रांसपोर्टेशन एंड स्टोरज) के तहत दायर की जाने वाली रिटर्न में खनन से कितना माल निकाला उसकी सही जानकारी छिपाई।
इस पर ईडी ने लखविंदर सिंह की ओर से जहां माइनिंग की वहां की विस्तृत जांच की ताकि ये पता लगाया जा सके कि उसने खदानों से कितनी रेत बजरी व अन्य माल निकाला है।जांच में पता चला कि इसने सरकार को जो दस्तावेज पेश किए उनसे कहीं ज्यादा खनन किया था अवैध खनन से करीब 79 करोड़ 87 लाख का सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा दिया था।
ईडी ने इसकी बहुत सी चल व अचल संपतियों को अटैच भी किया था।
इससे पहले जांच के दौरान ईडी ने पंजाब, हरियाणा,चंडीगढ़ व हिमाचल में लखविंदर के 13 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस मामले में लखविंदर को ईडी ने 26 सितंबर 2022 को गिर फतार भी किया था। अब वह जमानत पर हैं।लखविंदर सिंह मूलत: पंजाब का रहने वाला हैं।
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