शिमला। भाजपा में गए कांग्रेस के छह पूर्व व तीनआजाद विधायकों के ठहरने का 32 लाख का बिल भी किसी और ने ही अदा किया था। इससे पहले पौने पांच लाख पंचकूला के ललित होटल का बिल एक फार्मा कंपनी ने अदा कर रखा है। इसके अलावा सरकार गिराने व विधायकों की खरीद फरोख्त करने के इल्जाम में शिमला पुलिस की ओर से आरोपी बनाए गए पूर्व आइएएस व गगरेट से अब भाजपा प्रत्याशी चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा अभी तक जांच में शामिल नहीं हुए हैं।
ये सब खुलासा आज इस मामले की सुनवाई के दौरान प्रदेश हाईकोर्ट में हुआ व अदालत ने हमीरपुर से आजाद विधायक आशीष शर्मा व उतराखंड सरकार के पूर्व मुख्य सचिव व पूर्व कांग्रेस विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा की अंतरिम जमानत को अगली सुनवाई तक जारी रखा हैं।
उधर, 32 लाख रुपए के बिल किसी और की ओर से अदा करने को लेकर इन विधायकों के वकीलों ने कहा कि इससे क्या फर्क पड़ता है अगर कोई उनका जानने वाला इन बिलों की अदायगी कर रहा है तो इससे किसी को क्या फर्क पड़ सकता हैं।
अदालत में पुलिस की ओर से कहा गया कि जांच में शामिल होने के लिए नोटिस देने के बाद भी राकेश शर्मा जांच में शमिल नहीं हो रहे है। ऐसे में वह खुद ही बता दे कि वो कब बालूगंज थाने में जांच में शामिल हो सकते है। पुलिस की ओर से कहा गया कि 4 से 7 मई तक राष्ट्रपति का हिमाचल दौरा है तो उस दौरान वो थाने न आए। इस पर राकेश शर्मा की ओर से पैरवी कर रहे वकीलों ने कहा कि राकेश शर्मा 9 मई को 11 बजे बालूगंज थाने में जांच के लिए हाजिर हो जाएंगे। इसके बाद अगली तिथि उसी दिन उन्हें बता दी जाएगी।
अब राकेश शर्मा 9 मई को जांच में शामिल होंगे। बहरहाल अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 मई को निर्धारित की गई हैं।
कानून विदों का कहना है कि विधायक पब्लिक सर्वेंट होते है व उनके ठहरने व अन्य बिलों को कोई अन्य अदा नहीं कर सकता हैं। ये भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आ जाता हैं।हालांकि अभी इस पर हाईकोर्ट ने गौर करना हैं। लेकिन मजेदार ये है कि आखिर इन लोगों के बिल अदा किसने व क्यों किए। इन विधायकों में कई तो करोड़पति है और सभी खूब पैसे वाले व किसी न किसी काम धंधे से जुड़े हुए हैं।अब ये मामला पेचिदा बनता जा रहा हैं।
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