शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के वीबीएस रिश्वत कांड व आय से अधिक संपति के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई है। जस्टिस बद्दरुदीन की खंडपीठ ने सीबीआई को आखिरी मौका देते हुए चार हफ्तों में अपनी रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने के आदेश देते हुए मामले की सुनवाई 14अक्तूबर को निर्धारित की है।
दिल्ल्ाी हाईकोर्ट में सुबह ये मामला सुनवाई के लिए लगा लेकिन खंडपीठ ने इसे दोपहर बाद के लिए स्थगित कर दिया। हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री की ओर से अदालत में दी गई उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि ये सारा मामला हिमाचल से जुड़ा है,इसलिए इसकी सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में नहीं हो सकती। अदालत ने कहा कि जब अदालत ने प्रशांत भूषण को इस मामले से बाहर किया था व एमिक्स क्यूरी को तैनात किया था,तभी ये तय हो गया था कि इस मामले की सुनवाई यहीं होगी। दिल्ली में फार्महाउस व बाकी संपति भी है। ऐसे में ये दलील यहां नहीं चल सकती।
इस पर सीबीआई ने कहा कि उसे मामले में अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया जाए। अदालत ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए कहा कि उसके पास ये मामला एक अरसे से हैं व अब तक उसने कुछ नहीं किया। अदालत ने सीबीआई को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया व मामले की सुनवाई 14अक्तूबर के लिए निर्धारित कर दी।
गौरतलब हो कि वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कॉमन कॉज संस्था की ओर से वीबीएस रिश्वत कांड की सीबीआई जांच कराने की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की थी। इसकेबाद उन्होंने एक और अर्जी इस याचिका के साथ जोड़ी जिसमें वक्कामूला चंद्रशेखर के साथ हुए लेने देन व आय कर रिटर्नों में सेब से बढ़ी आय का खुलासा किया गया।
अदालत ने इस मामले मेंसीबीआई केअलावा आयकर विभाग से भी रपट तलब की थी व आयकर विभाग की रपट अदालत में सीलबंद लिफाफे में पहुंच भी चुकी है।इस बीच सीबीआई ने इस मामले में वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी व पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह व उनके पुत्र व पुत्री के नाम से एक प्रारंभिक जांच दर्ज कर दी। इसके बाद सीबीआई कीओर से कुछ नहं हुआ है।
इससे नाराज अदालत ने आज कहा कि क्या सीबीअाई अदालत से ही कोई निर्देश चाहती है या अपने स्तर पर भी कुछ करेगी।इस पर सीबीआई ने जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा।
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