शिमला। प्रदेश सरकार सिरमौर जिले की गिरी नदी पर बनने वाली रेणुका परियोजना के तहत लगने वाली 40 मेगावाट की बिजली परियोजना का 90 फीसद खर्च दिल्ली की सरकार उठाएगी। इस बावत आज दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने हामी भर दी है। पहले इस बिजली परियोजना का सारा खर्च हिमाचल सरकार को ही उठाना पड़ना था। इस बावत जयराम सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार से आग्रह किया था लेकिन मोदी सरकार यह कहकर मुकर गई कि इस बावत कोई नीति नहीं है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने 300 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम से बनने वाले इस पावर हाउस का खर्च उठाने के लिए हामी भर दी। यह फैसला आज नई दिल्ली में केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लिया गया। प्रदेश सरकार की ओर से मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव आइपीएस अफसर संजय कुंडु ने इस मसले को बैठक में उठाया।
रेणुका परियोजना के तहत गिरी नदी पर 148 मीटर ऊंचा बांध बनाया जाएगा, जिसकी जल भण्डारण क्षमता 498 मीलियन क्यूबिक मीटर होगी। इसके पावर हाउस से 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। परियोजना के अंतर्गत बिजली उत्पादन के पूर्ण अधिकार हिमाचल के पास रहेंगे।
वर्ष 2015 के लागत अनुमान के आधार पर परियोजना की कुल लागत 46 सौ करोड़ रुपय है जिसमें से जल घटक 4325 करोड़ रुपये है जबकि बिजली घटक 275 करोड़ रुपए होगा। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि परियोजना के जल घटक का बंटवारा केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा 90:10 के अनुपात में किया जाएगा। जल घटक का 10 प्रतिशत हिस्से को लाभान्वित होने वाले राज्य वहन करेंगे। हिमाचल प्रदेश कुल जल हिस्से के 3.15 प्रतिशत का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र होगा और जल प्रयोग के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है। हिमाचल को अपने 3.15 प्रतिशत हिस्से को उपयोग करने के लिए किसी अनापत्ति प्रमाणपत्र की भी आवश्यकता नहीं होगी।
राज्य सरकार के पास अनुपयोगी जल को किसी अन्य राज्य को बेचने का भी अधिकार होगा। भारत सरकार ने परियोजना की सभी भू-अधिग्रहण लागत को वहन करने को सैद्धान्तिक मंजूरी प्रदान की है जिसमें वन, पर्यावरण और पारिस्थितिकीय लागत शामिल है।
केन्दीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश सरकार को पहले ही446.96 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। शेष राशि के भुगतान के लिए भी केंद्र सरकार तैयार है। यह भी निर्णय लिया गया है कि इस उद्देश्य के लिए मंत्रालय आवश्यक केबिनेट नोट तैयार करेगा। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख अभियन्ता ने इस बैठक में राज्य सरकार का पक्ष रखा।
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