शिमला। हिमाचल प्रदेश में वामपंथ का परचम लहराने के लिए माकपा ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश के एक लाख घरों में लाल झंडा लेकर जाने का फैसला किया है।संभवत: माकपा ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार की सफलता को देखकर ये फैसला किया हो। ये बड़ा फैसला माकपा की प्रदेश राज्य समिति की बैठक में शिमला में लिया गया। दो दिन की ये बैठक 27जून को समाप्त हो गई।रणनीतिक तौर बैठक की अध्यक्षता माकपा कर राज्य कमेटी की महिला सदस्य फालमा चौहान से करवाई है। ये पहली बार है कि मजदूरों व छात्रों के बीच निकल लेकर माकपा ने सीधे जनता के बीच जाने का बड़ा फैसला कर प्रदेश की राजनीति में तीसरे विकल्प देने की दिशा में कदम बढ़ाया हो।अगर माकपा का प्रयोग सफल हो पाया तो बारी बारी से सता मेंरहने वाली भाजपा व कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है।
माकपा के कार्यकर्ता अब लाल झंडा लेकर एक अगस्त से 14 अगस्त तक घर घर जाकर केंद्र कीमोदी सरकार वप्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार के खिलाफ जनता को लामबंद करेगी। कितनी कामयाब होती है ये अगल बात है लेकिन पहल कर ली गई है।अभी विधानसभा चुनाव को अढाईसाल बाकि है। ऐसे में भाजपा कासे सता में आने से रोकने के लिए माकपा ,आमआदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच कोई गठजोड़ हो जाए तो आश्चर्य नहीं है। हालांकि ऐसा कहना जल्दबाजी होगी।
प्रदेश की जनता के बीच सीधे जाने का ये फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस बैठक में माकपा की केंद्रीय कमेटी के सदस्य विजय राघवन ने खुद शिरक्त की। संकेत साफ है माकपा हिमाचल मेंअपना आधार बढाने को आतुर है। प्रदेश के एक मात्र नगर निगम पर मेयर व डिप्टी मेयर की कुर्सी पर माकपा के नेता काबिज है। इससे पहले माकपा प्रदेश में एमएलए विधानसभा में पहुंचाने के लिए तड़पती रही है। लेकिन राकेश्ा सिंघा के बाद वो किसी को विधानसभा नहीं पहुंचा पाई।
माकपा के राज्य सचिव ओंकार शाद ने कमेटी की बैठक के बाद जमकर मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा किइस सरकार के राज में कारपोरेट घरानों की चांदी हो गई है जबकि गरीबों की कमर टूट गई है। लोकतांत्रिक संस्थानों की अनदेखी कर तानाशाही रूझान विकसति कर मोदी सरकार जनविरोधी काम करने पर उतारू हो गईहै। देश में कृषि देश में कृषि संकट बढ़ रहा है किसान हर दिन आत्म हत्या कर रहे है।
उन्होंने एलान किया कि पार्टी ने एक अगस्त से 14 अगस्त वीरभद्र सिंह सरकारव मोदी सरकार केखिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगी। इस अभियान में जंगली जानवर, आवारा पशु, मनरेगा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा किसानों द्वारा वन व अन्य भूमि पर किये अतिक्रमण जैसे मुद्दे शामिल किये गये है। इस अभियान के दौरान मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ भी प्रचार किया जाएगा।
पार्टी ने निर्णय लिया है कि केन्द्र व राज्य सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ घर-घर जाकर अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत राज्य में एक लाख से अधिक घरों में जाकर प्रचार करने का निर्णय लिया है तथा राज्य भर में इन किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ जनता को लामबन्द किया जाएगा।
राज्य कमेटी ने निर्णय लिया है कि 14 अगस्त को खण्ड, तहसील, उपमण्डल व जिला मुख्यालयों पर इन मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। पार्टी ने रैलियों के जरिये संघर्ष को मजबूत करने का आह्वान किया है। राज्य कमेटी प्रदेश की आम जनता से अपील करती है कि इन नीतियों को बदलने के लिए इस संघर्ष व अभियान में बढ़चढ़ कर भाग लें।
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