शिमला। लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस नेताओं की खाते में जाने वाली राज्यसभा की सीट को कांग्रेस नेता व वरिष्ठ वकील मनु सिंघवीं ले उड़े हैं। सिंघवी पैराशूट ऐसे उतरे कि हिमाचल के नेताओं को दावेदारी करने तक का मौका नहीं मिला।
प्रदेश से राज्यसभा जाने के इच्छुक कांग्रेस नेताओं के लिए यह बुरी खबर हैं। इससे पहले सिंघवी से पश्चिमी बंगाल से राज्य सभा सांसद थे। प्रदेश के कांग्रेस नेताओें की राष्ट्रीय राजनीति में पहले से ही शुमारी कम है। संगठन में कोई बड़ाओहदा प्रदेश के नेताओं को नहीं हैं जबकि राज्य सभा में जाने का मौका आया था वह भी कांग्रेस आलाकमान ने हिमाचली से छीन लिया।
सिंघवी पेशे से वकील हैं। ऐसे में वह हिमाचल के हितों को कितना उठा पाएंगे यह समझा ही जा सकता हैं। उन्हें हिमाचल के लोगों की अकांक्षाओं से भी ज्यादा सरोकार नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी उन्हें कहीं ओर से राज्यसभा भेज सकती थी। कांग्रेस की हिमाचल समेत कुछ ही राज्यों में सरकारें बची हैं। अगर राज्यासभा में किसी हिमाचली को भेजा जाता तो वह अगले छह सालों तक प्रदेश में कांग्रेस के लिए काम करता। लेकिन सिंघवीं तो जनता के बीच ऐसा कुछ काम नहीं कर पाएंगे।
उनका लोगों के साथ कोई करीबी व स्वाभाविक जुड़ाव भी शायद ही रहे।ऐसे में जो मदद प्रदेश कांग्रेस को हिमाचली नेता को राज्यसभा भेजने से होती वह सिंघवी के भेजने से शायद ही हो पाए। जाहिर तौर पर आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को इस कदम से नुकसान उठाना पड़ सकता हैं।
यह सीट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा का छह साल का कार्याकाल पूरा होने पर खाली हुई हैं। भाजपण ने नडडा ने गुजरात से राज्यसभा भेजने का फैसला किया हैं।
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