शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल पर 2003 मेंभ्रष्टाचार के आरोप लगाने पर मानहानि का मामला झेल रहे कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष मोती लाल बोहरा और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा को आज शिमला की एक अदालत ने बरी कर दिया है। ऐसे में इन नेताओं की ओर से धूमल पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों की स्थिति क्या है, इस पर बहस शुरू हो गई है।इस मामले में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने धूमल से माफी मांगी ली थी और धूमल ने डनहेंमाफ कर दिया था। लेकिन आनंद शर्मा व मोती लाल वोहरा ने माफी नहीं मांगी थी।आज इस मामले का पटाक्षेप हो गया।
शिमला की सीजेएम अदालत ने कहा कि धूमल की ओर से इन नेताओं के खिलाफ दायर किए गए मानहानि के मामले के खारिज किया जाता है।
वोहरा व आनंद शर्मा की ओर से इस मामले में पेश हो रहे स्थानीय वकील आई एन मेहता ने कहा कि धूमल की याचिका खारिज कर दी है। सीजेएम रणजीत सिंह ठाकुर ने याचिका को खारिज कर दिय व धूमल की याचिका में कोई दम नहीं माना।
याद रहे मोती लाल वोहरा,आनंद शर्मा व अमरेंद्र सिंह ने 2003 के विधानसभा चुनावों से पहले प्रचार के दौरान धूमल पर जगह जगह संपति एकत्रित करने और भ्रष्टाचार करने के आरोप संवाददाता सम्मेलन व जनसभाओं में लगाए थे। 2003 के विधानसभा चुनावों में भाजपा चुनाव हार गई थी व धूमल सरकार नहीं बना पाए थे।धूमल ने तभी इन कांग्रेसी नेताओं के खिलाफमानहानि का मुकदमा दायर किया था। जो आज खारिज हो गया।
अब इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई व धूमल के लिए कांग्रेसी नेता खास कर मुख्यमंत्री वीरभद्रसिंह राजनीतिक तौर पर हमला बोल सकते है।
(0)