नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपति मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की याचिका का खारिज कर दिया हैं। चुनावी साल में ये मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लिए तगड़ा झटका हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट के जज विपिन सांघी ने आज इस मामले में रिजर्व फैसले को सुना दिया व सीबीआई को आदेश दिए कि वो वीरभद्र सिंह व बाकियों के खिलाफ अदालत में चालान पेश कर सकती हैं।ये फैसला एक अरसे से रिजर्व था।
आय से अधिक संपति मामले में सीबीआई ने सितंबर 2015 में एफआईआर दर्ज की थी और मुख्यमंत्री के शिमला स्थित आवास हॉली लॉज समेत कई ठिकानों में छापेमारी की थी।
वीरभद्र सिंह छापेमारी के खिलाफ हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हिमाचल हाईकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिए थे कि उसे चालान पेश करने, पूछताछ करने या अरेस्ट करने से पहले अदालत की अनुमति लेनी होगी।
इसके खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी तो सुप्रीम कोर्ट ने मामले को हिमाचल हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया। साथ ही आदेश दिया कि जो भी करना होग वो दिल्ली हाईकोर्ट को करना होगा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश में कोई बदलाव नहीं किया। इस बीच सीबीआई ने अदालत में अर्जी दे दी कि ने जांच पूरी कर ली है व उसे चालान पेश करने की इजाजत दी जाए। इस मामले में एक अरसे से अदालत में सुनवाई चल रही थी।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कि इस मामले में न तो किसी अदालत ने और न ही सरकार ने सीबीआई को जांच करने के निर्देश दिए थे। ऐसे में उनके खिलाफ सीबीआई जांच नहीं कर सकती हैं।लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी ये याचिका खारिज कर दी हैं।दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से दी राहतों को भी समाप्त कर दिया हैं।
आज दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया।विवरण का इंतजार हैं
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