शिमला । प्रदेश विजीलेंस ने हाईकोर्ट की ओर से एचपीसीए मामले में दर्ज एफआईआर को रदद करने की एचपीसीए की याचिका को खारिज करने के कुछ ही घंटों बाद धर्मशाला की अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर,अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक सानन समेत एचपीसीए के दर्जनों पदाधिकारियों के खिलाफ चालान पेश कर दिया। विजीलेंस ने स्पेशल कोर्ट धर्मशाला जो इन दिनों नूरपुर में बतौर सर्किट कोर्ट चल रही है में दायर किया। विजीलेंस सूत्रों के मुताबिक स्पेशल जज ने विजीलेंस ने हाईकोर्ट के उस आदेश की प्रति मांगी जिसमें हाईकोर्ट ने एचपीसीए की याचिका को खारिज कर दिया है। विजीलेंस ने कहा कि प्रति कल मुहैया करा दी जाएगी। एडीजीपी विजीलेंस प्रथ्वीराज ने चालन पेश करने की पुष्टि की । उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा वो इस मामले में कुछ नहीं कह सकते।
चालान में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लाडले अफसरों उनके प्रधान निजी सचिव सुभाष आहलूवालिया, टी जी नेगी, सुभाष नेगी के अलावा धर्मशाला के पूर्व डीसी आर एस गुप्ता को खाना नंबर12 में रखा गया है। धूमल ,अनुराग समेत बाकी 16 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया है। चालान में एक खास नाम हिमाचल लोकहित पार्टी के अध्यक्ष महेश्वर सिंह के बेटे दानवेंद्र सिंह का नाम •ाी शामिल है। वह एचपीसीए में डायरेक्टर है।
प्रदेश हाईकोर्ट ने आज सुबह एचपीसीए की याचिका को खारिज कर दिया।
एचपीसीए ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि सरकार ने राजनीति से प्रेरित होकर व बदले की भावना से एफआईआर दर्ज की है। इसके अलावा एचपीसीए ने कहा था कि ये सिविल मैटर है और मामला पहले ही अदालत में चल रहा है। एचपीसीए लाभ कमाने वाली एसोसिएशन नहीं है और इसे कंपनी गलत मंशा से नहीं बनया गया।
एचपीसीए ने अपनी याचिका में कहा था कि ये सब मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के इशारे पर हो रहा है और सब कुछ राजनीति से प्रेरित है। इसलिए इसे रदद किया जाए। इस मामले में हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। हाईकोर्ट की कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मंसूर अहमद मीर ने आज अपना फैसला सुनाया और एफआईआर को रदद करने की एचपीसीए की गुहार को खारिज कर दिया।
ये कहा हाईकोर्ट ने
प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर ने अपने 37 पेज की जजमेंट में कहा कि जितना बड़ा अपराध बताया जा रहा है और जिस तरह जाली दस्तावेजों का जिक्र आया है, ऐसे में इस मौके पर चालान व एऊआईआर को रदद नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता के पास अदालत में अपना पक्ष रखने का अधिकार है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मौके पर एफआईआर को खारिज करना जन्म से पहले ही बच्चे को मारने जैसा होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकार्ताओं में एचपीसीए के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर भी शामिल है लेकिन उन्होंने अदालत में याचिका के साथ शपथपत्र दायर नहीं किया है।इसलिए इस मामले को अदालत में जाना चाहिए ताकि अपराध को साबित किया जा सके। हाईकोर्ट ने इसी के साथ एचपीसीए की इस याचिका को खारिज कर दिया।
ये है आरोपी
विजीलेंस की ओर से आज पेश किए चालान में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अधयक्ष अनुराग ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक सानन, एचएएस अफसर अजय शर्मा,एचपीसीए के पदाधिकारी विशाल मारवाह, आर पी सिंह, आर एस कपूर, दानवेंद्र सिंह,प्रेम ठाकुर, संजय शर्मा,अरुण सिंह,सुरेंद्र ठाकुर, तत्कालीन प्रधान उपरली दाड्ी पुष्पा देवी,पंच भूपेंद्र सिंह व हिमादेवी शामिल है।
इनके अलावा एफआईआर के खाना 12 में वीरभद्र सिंह के लाडलें अफसर सुभाष आहलुवालिया,टीजी नेगी, सुभाष नेगी व कांगड के पूर्व डीसी आर एस गुप्ता शामिल है। आहलुवालिया और टीजी नेगी दोनों रिटायर आईएएस है व दोनों वीरभद्र सिंह के निजी स्टाफ में है। जबकि पूर्व आईएएस अफसर व प्रधान सचिव खेल सुभाष नेगी रिटायर हो चुके है। चालान व एफआईआर में इनके नाम भी शामिल है ये खुलासा सबसे पहले सत्य स्वदेश नहीं किया था।
पूर्व मुख्यमंत्री धूमल पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13-2 लगाई गई है। जबकि अनुराग ठाकुर पर भारतीय दंड विधान की धारा426,420,120 व 120 बी लागई गई है।
इस मामले में विजीलेंस ने 1 अगस्त 2013 को धर्मशाला में एफआईआर दर्ज की थी!
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