शिमला। सीबीआई ने मुख्यमंत्री वीर•ाद्र सिंह की ओर से बतौर मुख्यमंत्री किए •ा्रष्टाचार के कारनामों की जांच के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से आदेश देने का आग्रह किया है। सीबीआई ने आज बुधवार को इस बावत दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा देकर अर्जी दायर की है। सीबीआई ने कहा कि कॉमन कॉज की ओर से वकील प्रशात •ाूषण ने जो याचिका दायर की है उसमें कहा गया है कि वीर•ाद्र सिंह ,उनकी पत्नी प्रति•ाा सिंह, उनके बेटे व बेटी ने वक्कामूला चंद्रशेखर कर्ज लिया है। कॉमन कॉज ने आरोप लगाया है कि ये कर्ज वक्कामूला को चंबा में 17 मेगावाट के साईकोठी बिजली प्रोजेक्ट को लगाने की अनुमति देने की एवज में दिया गया है। य कर्ज नहीं रिश्वत है।
बुधवार को सीबीआई की ओर से 4 पेज के दायर हलफनामे में कहा गया है कि वक्कामूला की वेंचर एनजी टैक्नालॉजी कंपनी व कर्ज लेने देने का सारा मामला हिमाचल सरकार के क्षेत्राधिकार में है। ऐसे में सीबीआई अपने तौर पर डीएसपीई एक्ट 1949 की धारा 5 के तहत इस मामले की जांच नहीं कर सकती। सीबीआई के एंटी क्रप्शन जोन -1 नई दिल्ली के इंस्पेक्टर विजय बहादुर की ओर से दायर हल्फनामे में कहा गया है कि अगर इस मामले में आगे की जांच करनी है तो अदालत का आदेश जरूरी है ।
उन्होंने हल्फनामें में अदालत से जरूरी आदेश देने का आग्रह किया है ताकि जांच शुरू की जा सके। प्रशांत •ाूषण की ही याचिका पर सीबीआई पहले ही वीबीएस रिश्वत कांड की जांच कर रही है और स्टेटस रिपोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल कर चुकी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट पर सीबीआई को फटकार लगाई थी। साथ ही आदेश दिए थे कि 30 अप्रैल तक अगली रिपोर्ट पेश करे।
सीबीआई ने आज दायर हलफनामे में याचिकाकर्ता की शिकायत का जिक्र करते हुए कहा कि वक्कामूला को 2002 से लेकर 2013 तक अलग अलग समय पर वीर•ाद्र सिंह सरकार ने कायदे कानूनों को ताक पर रख कर ला•ा पहुंचाया है। मुख्यमंत्री की पत्नी ने 2013 में हुए मंडी उप चुनाव में अपने हलफनामे कहा था कि उन्होंने वकामूला से डेढ करोड का अनसिक्योरड लोन ले रखा है। वीर•ाद्र सिंह ने 2 करोड़ 40 लाख रुपए व इनकी बेटी अपराजिता ने 49 लाख 90 हजार का कर्ज ले रखा है।
सीबीआई की ओर से दायर इस हलफनामें पर अब दिल्ली हाईकोर्ट में 30 अप्रैल को सुनवाई होनी है। अगर दिल्ली हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दे दिए तो वीर•ाद्र सिंह के लिए बड़ी मुश्किले खड़ी हो सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व •ााजपा इस मामले को चुनावी मुददा बनाए हुए है और कांग्रेस आलाकमान से वीर•ाद्र सिंह को पद से हटाने की मांग कर रही है। जबकि मुख्यमंत्री वीर•ाद्र सिंह व कांग्रेस का आरोप है कि वक्कामला को •ााजपा की धूमल सरकार ने •ाी प्रोजेक्ट लगाने के लिए समय विस्तार की तीन मंजूरी दी थी। इस मसले पर दोनों पाटियों में राजनीति जारी है। लेकिन सीबीआई ने अर्जी दायर कर मामले में नया मोड़ ला दिया है।
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