शिमला। 1998 में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर से कांग्रेस व सरकार में शामिल होने को लेकर दिए तमाम प्रलोभनों को ठुकरा कर बतौर आजाद विधायक भाजपा का साथ देकर सरकार बनाने वाले रमेश ध्वाला ने देहरा के आजाद विधायक होशियार सिंह को लेकर कहा कि उनके पीछे कौन डंडा लेकर दौड़ा हुआ था जो उन्होनें इस्तीफा दे दिया। होशियार सिंह को व्यापारी का तमागा पहनाते हुए ध्वाला ने कहा कि वह आजाद विधायक थे किसी भी पार्टी के साथ जा सकते थे।
उन्होंने दावा किया कि हलके में होशियार सिंह को लेकर भारी नाराजगी है। लोग पूछ रहे है कि उन्हें पांच साल के लिए चुन कर विधानसभा भेजा था वो डेढ साल से पहले ही क्यों दोबारा जनता के बीच आ गए हैं। इसके अलावा उन्हें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस का साथ देने के लिए देहरा को जिला बनाने व होशियार को मंत्री बनाने का आफर दिया था। बावजूद इसके उन्होंने इस्तीफा दे दिया। वो व्यापारी आदमी है,उन्होंने जो कुछ भी किया होगा सोच समझ कर ही किया होगा। इसके अलावा पार्टी ने भी जो कुछ किया होगा वो भी सोच समझ कर ही किया होगा।
अपनी पीड़ा को बयां करते हुए ध्वाला ने कहा कि इस स्थिति में उन्हें कहां खड़े होना है वो यह सोच रहे हैं।साफ है कि ध्वाला अब जमीन पर क्या करेंगे इसका अंदाजाालगाना कोई मुश्किल काम नहीं ।
याद रहे पिछली बार ध्वाला के साथ भाजपा ने एक तरह से घात कर दिया था । उन्हें उनके हलके ज्वाला जी की जगह देहरा से टिकट देकर लड़ने पर मजबूर कर दिया था व देहरा से रविंद्र रवि को टिकट देने की जगह ज्वाला जी से टिकट दिया गया था। भाजपा आलाकमान व स्थानीय विरोधी भाजपा नेताओं की वजह से भाजपा ये दोनों ही सीटें हार गई थी। रविंद्र रवि के साथ भी एक तरह से घात किया गया था। अब ये दोनों नेता क्या करेंगे ये आने वाले समय में ही पता चलेगा। ध्वाला ने कहा भी कि उन्हें मतदान से बीस दिन पहले देहरा भेजा गया। अब लोग ही फैसला करेंगे।
हालांकि ध्वाला ने कहा कि वो पार्टी का काम करेंगे।
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