शिमला। राजधानी शिमला में नियमितिकरण की मांग को लेकर सड़कों पर आंदोलन पर उतरे एसएमसी शिक्षकों ने भाजपा विधायकों को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया हैं।
एसएमसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने मीडिया की ओर से पूछे सवाल के जवाब में कहा कि अभी तक भाजपा का एक भी विधायक उनसे मिलने नहीं आया है और न ही इन विधायकों ने प्रदेश में कहीं इन शिक्षकों के साथ कोई सहानुभूति जताई हैं।
सुनील शर्मा से पूछा गया था कि एसएमसी शिक्षक प्रदेश भर में तैनात है तो उनके हलकों में उनके विधायकों का उन्हें उनकी मांग को लेकर साथ मिल रहा हैं। सुनील शर्मा ने दावा किया कि कांग्रेस विधायक तो उन्हें उनके हलकों में भी मिलते रहे हें और उनकी मांग का समर्थन कर रहे हैं लेकिन मामला शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के स्तर पर फंसा हैं।
फैसला मुख्यमंत्री को लेना है व उन्हें उम्मीद है कि वह अपनी मांग मनवा कर ही जाएंगे।
याद रहे प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में एसएमसी शिक्षकों को धूमल सरकार में तैनाती देनी शुरू की गई थी । उसके बाद वीरभद्र सिंह सरकार ने नियुक्तियां दी । बाद में जयराम सरकार ने भी कुछ शिक्षकों को नियुक्त किया। इन्हें एसडीएम स्तर पर गठित समितियों की ओर से साक्षात्कार लेने के बाद नियुक्तियां दी गई थी और सरकार की ओर से उन्हें मानदेय भी मिलता हैं। बजट में इनके मानदेय में सुक्खू सरकार ने 1900 रुपए की बढ़ोतरी भी की है लेकिन एसएमसी शिक्षक अपनी नियमितिकरण या उन्हें कांट्रेक्ट पर लेने की मांग पर अड़े हैं।
याद रहे बीते दिनों नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर व बाकी भाजपा विधायक चौड़ा मैदान में अनशन पर बैठे जेओआइ अभ्यर्थियों के आंदोलन में शामिल हुए थे। ये रिजल्ट जयराम सरकार के दौरान के ही हैं।
चौड़ा मैदान में जहां पर ये एसएमसी शिक्षक प्रदर्शन कर रहे है वहीं पर एक अरसे से अधीनस्थ सेवाएं चयन सेवाएं हमीरपुर में परीक्षा देने के बाद रिजल्ट व अपनी तैनाती का इंतजार कर रहे जेओए(आइटी) भी क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। एसएमसी शिक्षक क्या इन अभ्यर्थियों की मांगों का समर्थन भी करते हैं चूंकि दोनों ही रोजगार से जुड़े मसलों पर विरोध कररहे हैं ,सुनील शर्मा ने कहा कि उनकी मांगे अलग है व हतारी अलग हैं। लेकिन कम्प्यूटर शिक्षकों की मांगों का जरूर वो समर्थन करते हैं। किसी तरह के संयुक्त मोर्चे के गठन को लेकर भी वह असमंजस में ही नजर आए।
(733)





