शिमला। किन्नौर से भाजपा नेता व प्रदेश वन निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह को आगाह किया है कि वह ऊलजलूल बयानबाजी ना करे । उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह की उतनी उम्र नहीं है जितना उनका सार्वजनिक जीवन है। नेगी ने साथ ही विक्रमादित्य पर तीखा निशाना साधते हुए जोड़ा कि वह वंशवाद के गमले में नहीं उगे है। याद रहे विक्रमादित्य सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र है। नेगी ने सवाल भी उठाया कि प्रदेश के लिए उनका योगदान क्या है।
याद रह अपने बूते प्रदेश की राजनीति में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सूरत नेगी को निशाने पर लिया था। सूरत नेगी ने सोशल मीडिया फेसबुक पर डाली एक पोस्ट में कहा था कि जयराम सरकार के शासन काल में प्रदेश में अच्छी बर्फबारी हो रही है। इससे किसानों व बागवानों को लाभ होगा।
विक्रमादित्य ने इस पोस्ट को अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर लिखा था कि सूरत नेगी जयराम ठाकुर की चापलूसी कर रहे है। उन्हें जयराम की चापलूसी करने नहीं जनता की सेवा के लिए राज्य वन निगम का उपाध्यक्ष बनाया गया है। विक्रमादित्य ने इस बात पर एतराज जताया था कि नेगी यह संदेश देने की कोशिश कर रहे है कि प्रदेश या किन्नौर में इसलिए अच्छी बर्फबारी हो रही है क्योंकि प्रदेश में जयराम की सरकार है।
इसके जवाब देने के लिए सूरत नेगी ने आज राजधानी में संवाददाता सम्मेलन बुला लिया व कहा कि जयराम उनके नेता है अगर वह अपने नेता की चापलूसी कर रहे है तो विक्रमादित्य को कहां तकलीफ हो रही है।
नेगी ने कहा कि किन्नौर में बर्फबारी की वजह से सड़कें,पानी व बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है और प्रशासन पूरी ताकत से काम में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि किन्नौर के कांग्रेसी नेता इस पर राजनीति कर रहे है।
याद रहे कि जिला किन्नौर रामपुर बुशैहर रियासत कर हिस्सा था। वीरभद्र सिंह के सबसे ज्यादा वफादार अधिकारी जिला किन्नौर से ही रहे है। वीरभद्र सिंह के बूते ही किन्नौर से मौजूदा कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी जीते है जो हालीलाज के वफादार है। सूरत नेगी किन्नौर में पाटी में गुटबाजी के चलते कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने में लगे है। ऐसे में विक्रमादित्य सिंह ने जगत सिंह नेगी को निशाने पर लिया है।
नेगी ने वनाधिकार अधिनियम और नौ तोड़ जैसे मामलों पर भी जयराम सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का खुलासा किया व कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपनी सरकर में इन मामलों को क्यों नहीं सुलझाया तब भी किन्नौर की जनता को गुमराह किया व अब भी इस मसले पर राजनीति कर रहे है। लेकिन अब किन्नौर की जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि वन निगम ने इस बार साठ लाख का मुनाफा कमाया है।
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