नई दिल्ली/शिमला।मोदी सरकार की सीबीआई की ओर से हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह,उनके एलआईसी एजेंट आनंद चौहान व सेब के आढ़ती चुन्नी लाल से पूछताछ करने के बाद हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमाार धूमल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई रहस्यमयी मुलाकात ने राजनीतिक हलको में सबको चौंका दिया।
सीबीआई की ओर से वीरभद्र सिंह के घर में छापेमारी करने के बाद जब वीरभद्र सिंह प्रधानमंत्री मोदी से मिले तो उसी दिन उनसे पहले धूमल ने भी मोदी से मुलाकात की थी। समझा जाता है कि धूमल व मोदी के बीच हुई उसी मुलाकात का नतीजा था कि सीबीआई ने वीरभद्र सिंह को ग्रिल करने का फैसला लिया था।वीरभद्र सिंह को हिमाचल हाईकोर्ट से मिली रियाायतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के पीछे भी धूमल का बड़ा हाथ रहा था। जिसकी वजह से भ्रष्टाचार का ये मामला हिमाचल हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट शिफ्ट हो गया था।अब नए सिरे से उनकी प्रधनमंत्री मोदी से हुई मुलाकात ने सभी चौंका दिया है।
गडकरी के हिामचल के दौरे के दौरान मोदी केबिनेट में मंत्री जगत प्रकाश नडडा के उभार के बाद धूमल ने मोदी सेअचानक ये मुलाकात की है ।मुलाकात की तस्वीरे भी मीडिया को जारी की है व विज्ञप्ति में कहा गया है कि धूमल ने हिमाचल में लगे प्रोजेक्टों का उदघाटन करने का न्यौता देने के लिए मोदी से मुलाकात की है। हालांकि इन सब चीजों के लिए धूमल नेे मोदी से मुलााकात की हो ये कोई मानने को तैयार ही नहीं है।इसके लिए उनका बेटा , बीसीबीआई का अध्यक्ष व भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर, जगत प्रकाश नडडा व बाकी सांसद दिल्ली में ही रहते है।
लेकिन समझा जा रहा है कि धूमल की ये मुलाकात खास मकसद से हुईं है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से सीबीआई पूछताछ होने के बाद हिमाचल प्रदेश विजीलेंस पर धूमल के खिलाफ संपतियों की शिकायत पर जांच को आगे बढ़ाने का दबाब बढ़ा है। सीएम की सीबीआई पूछताछ के बाद प्रदेश विजीलेंस मुख्यालय में इस मामले को लेकर कई फाइलेंं छानी गई है। सूत्रों के मुताबिक एडीजीपी विजीलेंस प्रदेश से बाहर थे।बीते रोज विजीलेंस मुख्यालय में काफी हलचलें हुईं हैं। बताते हैं कि ये धूमल को दबोचने का इंतजाम किया जा रहा है। विजीलेंस के करीबी सूत्र तो ये भी बताते है कि शंघाई व फ्रांस से भी कुछ ढ़ूढने का प्रयास हुआ है। विदेशों के अलावा देश के कई हिस्सों से भी कई कुछ एकत्रित किया गया है।ऐसे में धूमल के खिलाफ संपतियों के मामले में एफआईआर दर्ज करने का इंतजाम किया जा रहा है।धूमल परिवार ने जगह जगह संपतियां एकत्रित की है ,इसकी एक शिकायत कांगड़ा के वकील विनय शर्मा ने सरकार को भेज रखी थी। विनय शर्मा को वीरभद्र सिंह ने एडिशनल एडवोकेट जनरल बनाया हुआ है।
2008से 2012 के धूमल शासन काल में धूमल ने जीवन लाल नामक एक पूर्व संयुक्त निदेशक अभियोजन को सरकारी वकील नियुक्त किया था व वीरभद्र सिंह के मामले वही देखते थे।इन जीवन लाल को वीरभद्र सिंह ने 2003 से 2008 तक की अपनी सरकार में निदेशक अभियोजन नहीं बनने दिया था। 2008 से 2012 तक प्रदेश में वीरभद्र सिंह का सीडी कांड बेहद मशहूर हुआ था व बाद में उन्हेंं शिमला की अदालत ने बरी कर दिया था।
बहरहाल विनय शर्मा की शिकायत के अलावा धूमल के खिलाफ 2003 में विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेसीी नेता आनंद शर्मा, मोती लाल बोहरा वपंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने संपतियां एकत्रित करने के आरोप लगाए थे।धूमल ने इन तीनों के खिलाफ मानहानि का दावा दायर किया था। कैप्टन अमरेद्रं सिंह ने तो माफी मांग ली थी लेकिन आनंद शर्मा व मोती लाल वोहरा के खिलाफ मानहानि मामले में शिमला की अदालत ने धूमल की याचिका खारिज कर दी थी। धूमल ने तब कहा था कि वो हाईकोर्ट में अपील करेंगे। उपलब्ध जानकारी के मुताबिक ये अपील अभी तक नहीं हुई है।ऐसे में धूमल के खिलाफ वो आरोप भी अभीी तक कहीं न कहीं झूल रहे हैै।इसकेअलावा वीरभद्र सिंह के लाडले पूर्व आईपीएस अफसर बी एस थिंड ने भी धूमल के खिलाफ लोकायुक्त में भ्रष्टाचार के आरोपों की एक लंबी सूची डाली थी। उनकी मौत हो गई है लेकिन उनक पास दस्तावेजों के झोले अभी भी प्रदेश के किसी कोने में पड़े हुए है।
ऐसे में वीरभद्र सिंह इन सब आरोपों का घालमेल बनाकर धूमल व उनके बेटों दबोचने की मुहिम में हैं। चूंकि मोदी की सीबीआई ने उनसे भयंकर पूछताछ की है ।ऐसे मेंं विजीलेंस पर धूमल को दबोचने का दबाब बना हुआ है। उधर ,सीआईडी व विजीलेंंस के एडीजीपी से लेकर चीफ सेक्रेटरी व होम सेक्रेटरी की कुर्सी तक हर की- पोस्ट पर वीरभद्र सिंह के बेहद भरोसे के अफसर बैठे हैं।पिछले साढ़े तीन सालों में ये पहली बार हुआ है।धूमल के संपति मामले की जांच कर रहे एसपी शिमला डीउब्ल्यू नेगी को वीरभद्र सिंह अपना सुपर कॉप मानते है।इसके अलावा दिल्ली में तैनात आईजी एपी सिंह ने भीी कई कुछ एकत्रित किया हुआ है।लेकिन इंतजार इस बात का है कि क्या वीरभद्र सिंह इस समय जब उनकी कुर्सी खतरे में है तो वो धूमल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की हिम्मत दिखा पाएंगे।
इस सारी पृष्ठभूमि में धूमल का प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चौंकाने वाला माना जा रहा है।इस मुलाकात की नतीजे संभवत: जल्द ही सामने आएंगे। सीबीआई दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की कस्टोडियल इंटेेरोगेशन की अर्जी डाल सकती है।अदालत सेअगर इस पूछताछ केलिए इजाजत मिलती है तो वीरभद्र सिंह की कुर्सी पर खतरा मंडरा जाएगा। दूसरे धूमल व वीरभद्र सिंह मिलीभगत कर अपने अपने मामलोंं को निपटाने के लिए डील पर उतर सकते है।ये देखना अब दिलचस्प होगा कि अब आगे होता क्या है।
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