रामपुर। अपनी तमाम मांगों को लेकर बिजली बोर्ड कर्मचारियों,इंजीनयिरों और पेंशनरों के संयुक्त मोर्चा की ओर से आयोजित महापंचायत में पावर कारपोरेशन के पूर्व चीफ इंजीनियर विमल नेगी की हुई मौत का मामला भी उठाया गया। इस मामले में विमल नेगी की मौत से आहत कर्मचारी नेताओं ने सुक्खू से बड़ी मांग कर डाली।
रामपुर के लवी ग्रांउड में आयोजित महापंचायत में सबसे पहले दिवंगत विमल नेगी को श्रद्धाजंलि दी गई । इसके बाद एक सुर से मांग उठाई गई कि विमल नेगी की मौत के लिए जिम्मेदार अफसरों को कड़ी सजा दी जाए।
मोर्चा के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने महापंचायत में कहा कि विमल नेगी की मौत की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की ओर से जो जांच की गई है उस जांच रपट को पब्लिक किया जाए।
इसके अलावा अगर विमल नेगी का परिवार प्रदेश सरकार की जांच एजेंसियों से संतुष्ट नहीं है तो इस मामले की जांच को सीबीआइ के सुपुर्द किया जाए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।
इस दौरान बाकी कर्मचारी नेताओं ने भी इस मामले में दोषी अफसरों को सलाखों के पीछे भेजने की मांग की।
भाई ने साझा किया मंच
रामपुर में आयोजित इस महापंचायत में मोर्चा ने विमल नेगी के बड़े भाई सुरेंद्र सिंह नेगी को आदर देते हुए उन्हें मंच पर बिठाए रखा । इस दौरान विमल नेगी को श्रद्धाजंलि दे गई। हालांकि नेगी ने मोर्चा के मंच से कुछ कहा नहीं लेकिन उन्होंने मंच जरूर साझा किया। गौरतलब हो कि विमल नेगी का परिवार उनकी मौत की जांच सीबीआइ से कराने की मांग लंबे अरसे से कर रहा हैं।
इस मामले को लेकर 15 मई को प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस की ओर से दायर स्टेटस रपट पर विचार करना है कि इस मामले को सीबीआइ को भेजा जाना है या नहीं हैं। इस मामले में पावर कारपोरेशन के निदेशक इलेक्ट्रिकल देशराज को सुप्रीम कोर्ट से और पूर्व एमडी आइएएस हरिकेष मीणा को प्रदेश हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिली हुई हैं। पिछली सुनवाई में मीणा की जमानत को पुलिस ने रदद करने की मांग कर रखी हैं।
याद रहे पावर कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और 18 मार्च को उनकी लाश बिलासपुर के तलाई में भाखड़ा बांध से मिली थी। तब से लेकर अब तक उनकी रहस्यमय मौत पर से पर्दा नहीं उठ पा रहा हैं। ये तो सामने आ गया है कि उनकी मौत डूबने से हुई थी। लेकिन उन्होंने आत्महत्या क्यों की थी ये अभी भी रहस्य ही बना हुआ है। कहा जा रहा है कि पावर कारपोरेशन के अफसर हरिकेष मीणा व देशराज उन पर फाइल में गलत साइन कराने के लिए दबाव बनाते थे। हालांकि इस बावत पुलिस की जांच में कुछ पुख्ता सामने नहीं आया हैं।
याद रहे विमल नेगी की मौत के बाद सरकार ने भारी दबाव के चलते इस मामले की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से उच्च स्तरीय जांच कराने के आदेश दिए थे और उनसे 15 दिन में रपट देने को कहा था। ओंकार शर्मा ने अपनी रपट सरकार को दे दी लेकिन इस रपट में क्या है, ये सरकार ने छिपा कर रखा हैं। समझा जा रहा है कि ये रपट विमल नेगी के परिवार से भी साझा नहीं की हैं।
उनके परिवार की ओर से कहा गया है कि उनके साथ कोई कुछ साझा नहीं कर रहा हैं।
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