शिमला। कांग्रेस की सुक्खू सरकार का बिजली बोर्ड के कर्मचारियों पर प्रहार जारी है। नई कड़ी में सरकार ने ओपीएस की मांग करने व बिजली बोर्ड में पदो को समाप्त करने के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के उपाध्यक्ष सहायक लाइनमैन नीतिश ठाकुर को निलंबित कर दिया है।ऐसे दावा बिजली बोर्ड कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने किया हैं।
नीतिश ठाकुर इलेक्ट्रिक डिवीजन नादौन के तहत काम करते थे और कर्मचारियों की नादौन यूनिट के अध्यक्ष भी थे। याद रहे नादौन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का चुनावी हलका हैं। मुख्यमंत्री के चुनावी हलके में ही प्रहार कर दिया गया है। याद रहे ठाकुर को शुक्रवार शाम को निलंबित कर दिया।
ठाकुर के निलंबन से बिजली बोर्ड के कर्मचारियों में रोष है और बिजली बोर्ड संयुक्त मोर्चा ने इस कदम का कड़ा संज्ञान लेते हुए इस कदम की कड़ी आलोचना की हैं।
मोर्चा से जुड़े कर्मचारी नेताओं एएस गुप्ता,एस के सोनी,सीएस मंडयाल,लोकेश ठाकुर,कामेश्वर दत शर्मा लक्ष्मण काप्टा,मुकेश राठी,मनोहर लाल, दीपक चौहान अश्वनी शर्मा और नरेंद्र ठाकुर ने यहां जारी ब्यान में इस कदम को संविधान और ट्रेड यूनियन अधिनियम का खुला उल्लंघन करार दिया हैं। मोर्चा के इन नेताओं ने कहा कि नीतिश ठाकुर ने 11 फरवरी को विभिन्न मांगों को लेकर हमीरपुर में आयोजित बिजली पंचायत में भाषण दिया था।
ऐसे में उनके निलंबन के पीछे यही भाषण मुख्य वजह बना है।
मोर्चा ने साफ किया है कि वो इस कदम को पूरजोर विरोध करते है और उनके भाषण में कुछ भी अवांछनीय नहीं हैं। ठाकुर ने तो बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के हकों की आवाज को बुलंद किया था। ये प्राकृतिक न्याय व कर्मचारियों के आचरण को लेकर बने सेवा नियमों का खुलेआम उल्लंघन हैं।यही नहीं ठाकुर को सीधे-सीधे निलंबित कर दिया । उनका पक्ष तक नहीं सुना गया। ये ट्रेड यूनियन के अधिकारों पर सीधा हमला है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मोर्चा के संयोजक लोकेश ठाकुर ने कहा कि बोर्ड प्रबंधन के ऐसे कदम कर्मचारियों के आवाज को नहीं दबा सकेंगे। इससे कर्मचारियों, अभियंताओं और पेंशनर्स में रोष और बढ़ेगा।इसका जलवा 18 फरवरी को ऊना में आयोजित होने वाली दूसरी महापंचायत वउउसके बाद बाकी जिलों में आयोजित होने वाली अन्य महापंचायतों में सामने आ जाएगा।
उन्होंने इस निलंबन को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की मांग की ।
उन्होंने सुक्खू सरकार और बोर्ड प्रबंधन से बिजली बोर्ड कर्मचारियों के साथ चल रहे टकराव को दूर करने के लिए तुंरत बातचीत का रास्ता अख्तियार करने की मांग की हैं ताकि गतिरोध दूर हो सके।
मोर्चा ने सरकार को चेता दिया है कि अगर सरकार व बिजली बोर्ड प्रबंधन ने मोर्चा के मांगपत्र पर लचीला रवैया नहीं अपनाया तो 24 फरवरी को मोर्चा सरकार के खिलाफ सीधी कार्रवाई करने पर उतर जाएगा।
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