शिमला।हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता गणेश दत ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी व वामपंथियों के समर्थक साहित्यकारों, लेखकों व फिल्मी कलाकारों का उनके मिले अवार्डों को वापिस करना राजनीति से प्रेरित है व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने का एक कुप्रयास है, लेकिन जो लोग इस कार्य में लगे हैं वह एक्सपोज हो गए हैं तथा वे लोग एक षड़यंत्र के तहत इस प्रकार का घटिया कार्य कर रहे हैं।
गणेश दत ने कहा कि कोई भी सम्मान अथवा अवार्ड किसी की योग्यता के आधार पर मिलता है लेकिन जिन लोगों ने ये अवार्ड वापिस किए हैं, वे शायद अपने आप को सम्मान के काबिल नहीं मानते होंगे अन्यथा सम्मान कभी भी वापिस नहीं होता सम्मान सदा बरकरार रहता है।
भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि दादरी की घटना के बाद कुछ विपरीत विचारधारा के लोगों ने यह कह कर सम्मान वापिस किया कि इससे उनको ठेस लगी है। भारतीय जनता पार्टी किसी भी सामप्रदायिक घटना की निंदा करती है तथा देश व प्रदेश में सोहार्द का वातावरण बना रहना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि उन साहित्यकारों व लेखकों की आत्मा क्यों मर गई थी जब कश्मीर में लाखों कश्मीरी पंडितों को मारा गया या भगाया गया। 1984 में दंगों में 5 हजार से अधिक सिक्ख परिवारों का कत्लेआम किया गया था। भागलपुर के दंगो में हजारों लोगों को मौत के घाट उतारा गया, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर दंगो में हजारों लोग मारे गए थे, तब इन साहित्यकारों व लेखकों के मन पर कोई ठेस नहीं लगी।
उन्होंने कहा कि आज बिहार में विधान सभा चुनाव हो रहे हैं। जब लालू राज में बिहार में जंगलराज था, हत्या, अपहरण का नंगा नाच चल रहा था, तब उन साहित्यकारों व लेखकों को अपने अवार्ड वापस करने की याद नहीं आई। लेकिन जब नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो कई वामपंथी तथा कांग्रेसी लेखकों, साहित्यकारों को बड़ी परेशानी हो रही है।पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि यह सारा प्रकरण राजनीति से प्रेरित है तथा प्रधानमंत्री की छवि को खराब करने का प्रयास है, जिसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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