शिमला। जिला किन्नौर में भावानगर के निगुलसरी में चलाए जा रहे खोज व बचाव कार्य के नौंवें दिन आज तीन और शवों को खोज निकाला गया है। इनमे से एक शव कोन निकाल लिया गया था व दो शवों को शाम को निकालने के प्रयास किए जा रहे थे। पिछले नौ दिनों एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना के जवानों, राज्य पुलिस और होमगार्ड की ओर से चलाए गए तलाशी एवं बचाव अभियान के नौवें दिन आज सभी लापता लोगों के शवों को खोज लिया गया है।
के किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने आज घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि सभी लापता लोगों के शवों का पता लगा लिया गया है और इनमें से 26 शवों को बरामद कर लिया गया है और शेष दो शवों को निकाला जा रहा है।
उन्होंने खोज और बचाव दल को अगले दो दिनों तक अभियान जारी रखने का निर्देश दिया ताकि अगर कुछ शव मलबे के नीचे दबे हो तो उन्हें ढूंढा जा सके और उन्हें निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि जिला में बचाव दल की ओर से चलाया जाने वाला यह सबसे कठिन और लंबा बचाव अभियान है। बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया गया और बचाव दल की जान हमेशा जोखिम में थी क्योंकि पत्थर लगातार नीचे आ रहे थे।
इस हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 28 तक पहुंच गया है व इनमें से अधिकांश लोग जिला किन्नौर के विभिन्न स्थानों के थे। 11 अगस्त को हुए इस भूस्खलन के बाद से बीते रोज तक 25 शवों की पहचान हो चुकी थी जिनमें से 17 लोग जिला किन्नौर के थे । इस हादसे में यात्रियों से भरी एक एचआरटीसी की बस, एक टाटा सूमो, दो कार और एक ट्रक मलबे के नीचे दब गए था। इसके अलावा एक बुलेरो कार भी खोज व बचाव कार्य दल को आज सुबह मलबे व चटटानेां के नीचे दबी मिली फ। लेकिन इसमें कोई शव नहीं मिला है।
पुलिस उपाधीक्षक भावनगर राजू ने आज सुबह कहा कि बचाव दल ने 3 लापता लोगों के शवों का पता लगा लिया है और उन्हें भावनगर सिविल अस्पताल लाने में तीन से चार घंटे लगेंगे. लेकिन शाम छह बजे तक घटनास्थल से केवल एक ही शव निकाला जा सका क्योंकि उन्हें सड़क पर लाना बहुत मुश्किल था। राजू ने कहा कि टीम इन दोनों शवों को निकालने की पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि एक बोलेरो का पता लगा लिया गया है और कार के अंदर कोई नहीं मिला
इस घटना में बचाव दल द्वारा 13 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया और अब घर भेज दिया गया है। घटना स्थल से आज तीन शव बरामद किए गए हैं, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है।
हालांकि खोज व बचाव दल की ओर से आज ही इस अभियान को समाप्त किया जा रहा था लेकिन तिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर इस अभियान को दो और दिन चलाने के आदेश दिए है। जिला प्रशासन को अंदेशा है कि जितने लाापता लोगों की जानकारी जिला प्रशसन को दी गई थी उन सबको निकाल लिया गया है। लेकिन फिर भी कोई शव और मलबे के नीचे दबा हो सकता है।
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