शिमला। जिला सोलन के दाडलाघाट में अंबुजा सीमेंट कारखाने के लिए जिन परिवारों से जमीन अधिग्रहित की गई उन सबको ढुलाई का काम दिलाने के
लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है। इस बावत स्थानीय पांच पंचायतों, लैंड लूजर्स व प्रभावितों परिवारों की ओर से गठित की गई परिवहन सभा के एक प्रतिनिधिमंडल ने सभा के कानूनी सलाहकार नंदलाल चौहान की अध्यक्षता में जयराम ठाकुर से मुलाकात कर उन्हें इस बावत ज्ञापन दिया ।
अर्की तहसील की ग्याणा,मांगू,संघोई,कशलोग,चंडी ग्राम पंचायतों के प्रभाावित परिवारों ने जिला प्रशासन की ओर से इस काम को आवंटित
करने के लिए बनाई नियामक समिति के नियमों के संशोधन करने की मांग की है।
जिला प्रशासन ने इस समिति का गठन 2010 में कर यहां बनी तमाम परिवहन सभाओं में सदस्यता देने के काम को एक तरह से अपने हाथ में ले लिया था। 1992 से लेकर 2010 तक स्थानीय परिवहन सभाएं ही लोगों को सदस्यता दे देती थी और उन्हें ढुलाई का काम मिल जाता था। जिन लोगों की जमीन अंबुजा के कारखाने के लिए अधिगृहित हुई थी उनमें से बहुत ऐसे हैं जो अभी तक अपना ट्रक नहीं डाल सके थे। लेकिन अब वह ट्रक लेकर उसे ढुलाई के काम में लगाना चाहता है ताकि वह भी रोजी रोटी एक और जरिया खडा सके।जिला प्रशासन ने इन नियामक नियमों के तहत अधिग्रहण के समय जिन लोगों के नाम परिवार रजिस्टर में अलग से परिवार दर्ज थे उसी आधार पर काम दिया जा रहा है। इससे लोगों में रोष है।
इस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कहा कि जब जमीन अधिग्रहित की थी तो उसकी एवज में जिस -जिस को मुआवजा मिला उसे अलग परिवार समझा जाए । 2010 से पहले यही तौर तरीका अपनाया जाता था। सभा के कानूनी सलाहकार नंदलाल चौहान ने कहा कि गांव लोग परिवार रजिस्टर में नाम नाम अलग कहां कराते हैं। 2010 से पहले भी तो बाकी लोगों को स्थानीय परिवहन सभाओं में सदस्यता मिलती रही है। उन्होंने कहा कि इन पंचायतों के करीब ढाई सौ परिवार है जो नियामक समिति के नियमों से प्रभावित हो रहे है। उन्होंने कहा कि यह अन्याय पूर्ण है।
चौहान ने कहा कि 16 जून 1992 को अंबुजा सीमेंट प्रबंधन व जिनकी जमीन अधिगृहित की गई थी व जो प्रभावित परिवार थे उन्हें कारखाने में रोजगार और ढुलाई का काम देने का प्रावधान किया गया था। इस बावत सरकार के साथ कंपनी प्रबंधन के हुए समझौता ज्ञापन में भी पूरी तरह साफ किया गया है कि सभी लैंड लूजर्स को ढुलाई का काम व रोजगार मिलेगा। लेकिन सब कुछ उक्त समझौता के तहत नहीं हो रहा है।
दाडलाघाट में लैंड लूजर्स परिवारों की सभी परिवहन सभाओं में 2868 सदस्य है इनमें से केवल 601 को ही ढुलाई का काम मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि यहां पर इन लोगों से छह हजार बीघा से ज्यादा जमीन अधिगृहित की गई थी। चौहान ने मुख्यमंत्री से यह भी मांग रखी की कारखाने में जो स्थानीय लोग खुद प्रशिक्षण पाकर व सीधी भर्ती से नौकरी पर लगे है उन्हें लैंड लूजर्स कोटे से दिए जाने वाले रोजगार में न गिना जाए। उन्होंने तो अपने दम पर काबिलियत के आधार पर नौकरी ली है।
उन्होंने कहा कि इन लोगों के मांग को लेकर सभी स्थानीय पंचायतों के प्रधानों, पंचायत समितियों और जिला परिषद सदस्यों ने भी समर्थन दिया है और इस बावत मुख्यमत्री को प्रस्ताव भी भेजे है।चौहान ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह जिला प्रशासन को इस बावत तुरंत दखल देने के आदेश दें। चौहान ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने इस बावत रिपोर्ट तलब कर ली है। ।प्रतिनिधिमंडल में बाघल विकास परिषद के प्रधान परसराम ,परिवहन सभा के प्रधान दयाराम व अन्य लोग भी शामिल थे।
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