शिमला। स्वर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर राजधानी समेत प्रदेश भर में जगह-जगह स्वर्ण समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । इस दौरान सुबह तारादेवी के समीप पुलिस व आंदोलनकारियों के बीच झड़प हो गई प्रदर्शन कारियों ने पुलिस की ओरसे लगाए तमाम बैरिकेटस को तोड़ दिया । इस बीच प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच पत्थराव भी हुआ और जिसमें पुलिस के दावे के मुताबिक एएसपी शिमला सुशील कुमार समेत चार पुलिस कर्मी जख्मी हो गए हैं।
एएसपी शिमला सुशाील कुमार के सिर में टांके लगे है और उन्हें इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल में दाखिल किया गया है। आज दिन भर शिमला में यातायात ठप रहा और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा
एसपी मोनिका भटुंगुरू ने कहा कि आंदोलन कारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे है व अभी तक किसी को गिरफतार नहीं किया गया है। पुकलिस के कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है।
स्वर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर देवभूमि क्षेत्रीय संगठन ने आज राजधानी में धरना प्रदर्शन करने का एलान किया था। इसे देखते मे हुए बीती रात को जिला उपायुक्त आदित्य नेगी ने शहर में धारा 144 लगा दी थी। पुलिस ने सुबह से ही शिमला शहर के आने वाले तमाम रास्तों को सील कर दिया व जगह जगह नाके लगा दिए थे। यही नहीं विभिन्न जिलों से शिमला की ओर आ रहे आंदोलन कारियों को जिलों में रोकने के इंतजाम कर दिए गए थे।
सुबह देवभूमि क्षेत्रीय संगठन के अध्यक्ष रूमित ठाकुर की अध्यक्षता में शोघी की ओर से सैंकडों आंदोलनकारी शिमला की ओर कूच करने लगे। तारादेवी से थोड़ा आगे पहुंचने पर पुलिस ने उन्हें रोक दियाव उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। यहां पर दोनों पक्षों में झड़प हो गई और आंदोलनकारियों ने बैरिकेटस तोड़ दिए व पत्थराव कर दिया। दूसरी ओर पुलिस की ओर से भी हलका बल प्रयोग किया गया व पथराव किया गया । इसमें कई लोग घायल हो गए। यहां बैरिकेटस तोड़ने के बाद आंदोलन कारी आगे बढ़ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए टूटीकंडी बाइपास पर पहुंच गए । यहां पर पुलिस ने बैरिकेटस के अलावा बड़े वाहनों को सड़क में खड़ा कर इन्हें रोक दिया । पुलिस की ओर से मजबूत नाकाबंदी करने की वजह से ये आदोलन कारी यह सड़क पर बैठ गए और एलान किया कि अगर एक बजे तक मुख्यमंत्री उनके मिलने नहीं आते तो आंदोलन उग्र हो सकता है।
आंदोलनकारियों में से कइयों ने पत्थर व डंडे भी उठाए हुए थे। इस मौके पर रूमित ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री उन्हें एक अरसे से आश्वासन पर आश्वासन दे रहे है। स्वर्ण आयोग के गठन की मांग को पूरा नहीं किया जा रहा है। यह पूछे जाने पर कि सरकार ने इस बावत अधिसूचना तो जारी की है ।ठाकुर ने कहा कि यह धोखा है । कहीं कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के दौरान विधानसभा में एक भी विधायक ने स्वर्ण आयोग के गठन और स्वरूप को लेकर कोई मुददा नहीं उठाया। अब इन सभी 68 विधायकों को सबक सिखाया जाएगा।
इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी होती रही । जब एक बजे मुख्यमंत्री नहीं आए तो लगा कि पुलिस आौर आंदोलन कारियों के बीच दोबारा झड़प हो जाएगी। लेकिन रूमित ठाकुर ने अचानक यहां पर राजनीतिक पार्टी के गठन की घाोषणा कर दी व व कहा कि वह देवभूमि के नाम से राजनीतिक दल का गठन करेंगे और सभी 68 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़़ कर सभी विधायकों को सबक सिखाएंगे।
इसके बाद आंदोलनकारी आपस में बंट गए और रूमित ठाकुर के खिलाफ ही नारेबाजी शुरू हो गई। आंदोलन करने आए इन लोगेां ने कहा कि वह राजनीति करने नहीं आए है वह तो राजपूतों के हकों की लड़ाई लड़ने आए है। इसके बाद लोग आंदोलन से जाने लगे और
धरना प्रदर्शन समाप्त हो गया। आंदोलन के कारण आज लोगों को भारी परेशाानियों का सामना करना पड़ा
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