शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने जयराम सरकार से 280 करोड़ रुपए के अपफ्रंट मनी को लौटाने के लिए अदाणी पावर की ओर से दायर याचिका को सुनवाई के मंजूर करते हुए इसे एकल पीठ के हवाले कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति लिंगप्पा नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति अनूप चितकारा की खंडपीठ ने दोनों ओर की दलीले सुनने के बाद मौखिक तौर पर कहा कि यह लेनदेन का मामला है। इसे पहले एकल पीठ में ले जाया जाए।
खंडपीठ ने मामले को रोस्टर के हिसाब से छह अक्तूबर को एकल पीठ के सामने लगाने के आदेश दिए है।
इस दिलचस्प मामले में सरकार पहले से ही दलीलें दे रही है कि अदाणी पावर तीसरा पक्ष है। 960 मेगावाट का जंगी थोपन पावर परियोजना नीदरलैंड की ब्रेकल एनवी कारपोरेशन को आवंटित की गई थी और अप फ्रंट मनी भी सरकार ने ब्रेकल की ओर से ही लिया था। अदाणी पावर कभी ब्रेकल के कंसोरटियम में था ही नहीं। एेसे में सरकार का अदाणी पावर से कोई लेना देना ही नहीं है। ये अदाणी व ब्रेकल के बीच का मामला है।
अदाणी की ओर से कहा गया है कि जब इस परियोजना को चलाने के लिए ब्रेकल किन्नौर कारपोरेशन एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल)बना तो वह उस समय इस एसपीवी में था। हालांकि अदालत ने कहा कि वह इस मामले में तीसरा पक्ष है इसलिए इस मामले को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए एकल पीठ को भेजा जाता है।
याद रहे जंगी थोपन पावर परियोजना मामले में 2008 से लेकर अब तक कई मोड़ आ चुके है।इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व प्रेम कुमार धूमल के कई कारनामें जगजाहिर हो चुके है। जयराम मंत्रिमंडल भी इस मामले अप फ्रंट मनी लौटाने को लेकर इंकार कर चुका है।मंत्रिमंडल ने यही दलील दी थी कि अदाणी पावर से इस मामले में कभी कोई लेनादेना ही नहीं रहा। इसके अलावा जयराम सरकार में भी इस मामले में कारगुजारी हो चुकी है।
जयराम सरकार में ब्रेकल कारपारेशन के खिलाफ विजीलेंस में 420 कर इस परियोजना को हथियाने को लेकर एक अरसा पहले एफआइआर हो चुकी है। लेकिन इस जांच में क्या हुआ है इस पर न कभी जयराम सरकार ने जुबान खोली और न ही विजीलेंस ने । अप फ्रंट मनी की इस रकम को सरकार ने जब्त कर लिया था।
महाधिवक्ताक अशोक शर्मा ने कहा कि अब इस मामले में छह अक्तूफबर को एकल पीठ के सामने सुनवाई होगी।उन्हों ने कहा कि सरकार तो शुरू से ही कह रही है कि अदाणी पावर से सरकार का कोई लेना देना नहीं है। वह तीसरा पक्ष है। दिलचस्पर तौर ने अदाणी पावर ने अपनी याचिका में ब्रेकल कारपोरेशन को पार्टी नहीं बनया है।
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