शिमला। भूमिहीन प्रेमु जमीन खरीद मामले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के छोटे बेटे अरुण धूमल ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ साथ उनकी पत्नी व मंडी लोकसभा हलके से सांसद बनी प्रतिभा सिंह पर हमला बोला है व दोनों से अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की है।
अरुण धूमल ने आज कहा कि वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के खातों में करोड़ों रुपए जमा है ।बावजूद इसके इस दंपति ने दिल्ली के एक वका मूला चंद्रशेखर से करीब चार करोड़ का कर्ज लिया है। इसमें से वीरभद्र सिंह ने 2 करोड़ 40 लाख व प्रतिभा सिंह ने 1 करोड़ 50 लाख रुपए का लोन ले रखा है।
अरुण ने कहा कि वो प्रदेश की जनता को बताए कि उन्होंने किसी निजी व्यक्ति से ये ये लोन क्यों लिया और उसे क्या फायदा पहुंचाया है।उन्होंने ये पैसा कहां खर्च किया। किन शर्तों पर लिया और इस तरह के कितने कर्जें किन –किन लोगों से लिए गए। इस सारे मामले की जांच होनी चाहिए। इन दोनों का वका मूला चंद्र शेखर से क्या संबध है।अरुण धूमल ने कहा कि इन दोनों नेताओं को अपने पद से इस्तीफा देकर जनता के बीच जाकर इन सवालों के जवाब देने चाहिए।
अपने खिलाफ प्रेमु जमीन खरीद मामने में दर्ज एफआईआर को लेकर उन्होंने आज एक और पर्चा जमाबंदी जारी की।
उन्होंने कहा कि इस जमाबंदी में साफ लिखा है कि ये जमीन 15 साल तक बेची नहीं जा सकती। हमने ये जमीन 15 साल बाद खरीदी है।कोई गुनाह नहीं किया है।उधर ,बीते रोज प्रदेश के दो मंत्रियों सुजान सिंह पठानिया व ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहा था कि सरकार ने प्रेमु को ये जमीन हिमाचल कॉमन विलेज लैंड वेस्टिंग एंड यूटिलाइजेशन स्कीम 1975 के तहत दी थी। स्कीम के तहत इस जमीन को 20 सालों तक बेचा नहीं जा सकता था। कलेक्टर को जमीन आंवटित होने के बाद प्रेमु के नाम ऑर्डर ऑफ प्रोजेशन करना था। भूमि का इंतकाल प्रेमु के नाम 20 जून 1993 को हुआ।
अरुण ने कहा कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता ।अगर सरकार से कोई गलती हो गई है तो वो उसे स्वीकार करे और मामला वापस लें।
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