शिमला। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को जो खुलासा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में हुआ हैं वो हैरान करने वाला हैं। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल और टांडा मेडिकल अस्पताल,कांगड़ा में बहुत बुरी स्थिति हैं। स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ने सदन में खुलासा किया कि इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल 2278 पदों में 1085 पद खाली है जबकि टांडा में 1341 में से 524 पद खाली हैं।
सदन में खुलासा हुआ कि 22 हजार 200 पदों से पूरे प्रदेश में 9087 पद खाली पड़े हैं।
राज्य के सिरमौर , हमीरपुर चंबा व और नेरचौक में खोले गए मेडिकल कॉलेजों में भी बुरी हालात हैं। नाहन मेडिकल कॉलेज में 1759 पदों में से 1752 ,हमीरपुर सारे 201 ,चंबा में 201 में से 200 और नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 828 में से 773 पद खाली हैं।
प्रदेश में तीन जोनल अस्पतालों में की स्थिति भी बहुत बुरी हैं। जोनल अस्पताल धर्मशाला में 186 में से40 ,मंडी में 213 में से 28पद खाली हैं लेकिन राजधानी शिमला के जोनल अस्पताल रिपन इन सबसे में बहुत दयनीय स्थिति में हैं। यहां पर 239 में से 90 पद खाली हैं। 9 रीजनल अस्पतालों में 1550 पदों में से 460 खाली हैं जबकि 57 सिविल अस्पतालों में 2941पदों में से 946 खाली हैं।पांच स्पेशलाइज्ड अस्पतालों में 238 में से 122, 87 सीएचसी में 2250 में से 895 ,530 पीएचसी में 3699 में से 1421पद खाली पड़े हैं। कौल सिंह ने कहा कि पदों को भरने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रश्नकाल ने कहा कि भाजपा के पिछले कार्याकाल में स्वास्थ्य विभाग में कुल 473पद सृजित हुए जबकि कांग्रेस की सरकार ने चार सालों में 3248 पद सृजित कर दिए हैं।
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