शिमला। शिक्षा विभाग में तैनात 6717 PTMTW यानी पार्ट आइम मल्टी टास्क वर्कर्स ने अपना मानदेय बढ़ाने व बाकी मांगों को लेकर 13 मार्च को बजट सत्र के दौरान राजधानी में विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करने का एलान किया हैं।
इसके अलावा PTMTW यूनियन की राज्य इकाई ने सभी PTMTW का कॉल दी है कि जो वर्कर राजधानी में रैली और प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकता वो 13 मार्च को हड़ताल पर रहेगा और स्कूलों में अपनी डयूटी पर नहीं जाएगा।
प्रदेश भर के विभिन्न स्कूलों में तैनात इन PTMTW का दावा है कि जब से उनकी तैनाती हुई है तब से लेकर उनका एक बार भी मानदेय नहीं बढ़ाया गया हैं जबकि लोक निर्माण विभाग में उनके बाद लगे PTMTW का मानदेय पिछले साल बढ़ा दिया गया । ऐसे में उनके साथ भेदभाव किया जा रहा हैं। इन PTMTW में से बहुत से 2021 में जयराम ठाकुर सरकार में लग गए थे।
इसके अलावा इनके लिए कोई नीति भी नहीं हैं।
शिक्षा विभाग में तैनात इन PTMTW को 5625 रुपए महीना मानदेय मिलता है और उनसे तमाम तरह के काम कराए जाते हैं। कई स्कूलों में नाइट डयूटी में चौकीदारी का काम भी इन्हीं से कराया जा रहा हैं।इसके अलावा जब स्कूलों में अंडर -14 व अंडर -19 टूर्नामेंट होते है तो अपनी स्कूलों की टीमों के साथ इनकी डयूटी भी लगती हैं। लेकिन उसकी एवज में इन्हें कुछ भी भता आदि नहीं मिलता।
इसके अलावा इनको साल में दस ही महीनों का मानदेय मिलता हैं और दूसरी ओर जिन लोगों को तैनाती से पहले विधवा, विकलांग ,बीपीएल,आइआरडीपी व अन्य कोटे से जो साढ़े 11 सौ रुपए और 15 सौ रुपए की पेंशन मिलती थी उसे भी बंद कर दिया हैं। ऐसे में सालाना उनको साठ हजार रुपए भी नहीं मिलते हैं।
यूनियन के जिला शिमला के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर वो विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मशाला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिल चुके है। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपनी मांगे बताई लेकिन उस दिशा में अभी तक कुछ नहीं हुआ है। भरोसा जरूर मिला हैं।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद यूनियन ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से भी मुलाकात की और उनके सामने भी अपनी मांगें रखी हैं।
इसके अलावा सिराज शिक्षा खंड में तैनात यूनियन के प्रतिनिधि कई बार नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से भी मिल चुके है।
राकेश ने कहा कि इतने कम मानदेय में परिवार की गुजर बसर करना बेहद कठिन हैं।
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