शिमला। सोलन की पोक्सोा अदालत ने उतर प्रदेश के रामपुर के राम किशोर नामक व्यचक्ति को एक नाबालिग के साथ बलात्कार करने का दोषी पाते हुए उसे बीस साल की बामशक्त जेल की सजा देने का फैसला सुनाया है। अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश परविंदर सिंह अरोडा ने उसे यह सजा पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत उसे दोषी ठहराते हुए सुनाई है जबकि धारा 376 के तहत दोषी को 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है और जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे एक और साल की साधारण जेल की सजा सुनाई है।
अभियोजन के मुताबिक दोषी पीडिता के परिवार के साथ नालागढ में रहता था। पीडिता की मां बीमार रहती थी तो उसके पति ने उसे अपने दो बच्चों के साथ उसके पैतृक गांव उतरप्रदेश भेज दिया।जबकि पीडिता व दूसरा नाबालिग बेटा नालागढ में ही पिता के साथ झोंपडी में रहने लगे। वह वारदात के दिन साथ के मंदिर में बच्चों को भंडारा खिलाने के बाद दोनों बच्चों को सुलाने आ गया व उसके बाद खुद भंडारा खाने चला गया। लेकिन जब वह भंडारा खकर वापस लौटा तो उसकी बच्ची रो रही थी इस पर उसने पर साली को मौके पर बुलाया।
उसने मौके पर पाया कि बच्ची के साथ गलत काम किया गया है। इसके बाद पीडिता के पिता ने पुलिस में मामला दर्ज कराया । अदालत ने अपने फैसले में कहा कि बच्ची के साथ बेरहमी की गई और उसके शरीर पर जख्म भी थे। साफ है कि बच्चीी को मानसिक और शारीरिक तौर पर बहुत वेदना झेलनी पडी । इसलिए दोषी रहम का हकदार नहीं है।
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