शिमला। छह साल की बच्ची से ब्लात्कार करने वाले मथुरा के एक व्यक्ति को जिला सोलन की अदालत ने पोक्सो अधिनियम की धारा 4 और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दोषी करार देते हुए 20 साल माशक्त कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में आरोपी को एक और साल की सजा भुगतनी होगी।
यह सजा अतिरिक्त जिला व सत्र जज पोक्सो सोलन परमिंदर सिंह अरोड़ा ने सुनाई व साथ ही अदालत ने तमाम परिस्थितियों का संज्ञान लेते इस बच्ची के पुनर्वास के लिए नौ लाखर रुपए का मुआवजा देने की भी सिफारिश की है। अदालत ने कहा कि इस रकम में से 80 फीसद को एफडीआर में जमा करा दिया जाए और बाकी 20 फीसद की रकम को पीडि़ त बच्ची के परिजनों को अदा कर दिया जाए।
अदालत ने कहा कि आरोपी की हरकत की वजह से पीडि़त को ताउम्र मानसिक व शारीरिक वेदना का सामना करना पड़ेगा। जब इस वारदात को अंजाम दिया गया तो आरोपी 28 साल का था और बच्ची छह साल दो महीने की थी। यह बच्ची अकेली थी और अपनी रक्षा करने में पूरी तरह से असमर्थ थी। आरोपी ने महज अपनी वासना को शांत करने के लिए इस वारदात को अंजाम दे दिया । ऐसे में इसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जा सकता।
अभियोजन की ओर से कहा गया 2017 में नालागढ़ थाने के तहत 2017 में यह बच्ची घर की छत पर गई व आरोपी लखन जो साथ वाली इमारत में रहता था, ने इस बच्ची को उठाया व अपने कमरे में ले गया । जहां आरोपी ने बच्ची के साथ जबरदस्ती की और बच्ची के अंगों पर जगह जगह जख्म हो गए हो गए।
इसके बाद बच्ी की पित की शिकायत पर नालागढ़ थाना में पोक्सी अधिनियम की धारा 4 और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन की गई। बच्ची के बयान भी न्यायिक अधिकारी के समक्ष दर्ज किए गए । जांच के बाद चालान अदालत में पेश किया गयस और आरोपी को आज सजा सुना दी गई।
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