शिमला।प्रदेश की नौकरशाही में वरिष्ठता में दूसरे नंबर की वरिष्ठ आइएएस अधिकारी व सरकार की प्रधान सलाहकार प्रशिक्षण व विदेश मामले ने राज्यंपाल को चिटठी लिखकर जयराम सरकार की कारगुजारियों को लेकर सवाल उठाए हैं व राज्यपाल से दखल देने का आग्रह किया हैं।
उन्होंने मुख्य्मंत्री को भी चिटठी लिखी व कहा कि उन्होंने आम जनता से जुडे अहम मुददों को लेकर सकारात्मक पहल की गई थी लेकिन जयराम प्रशासन की ओर से अत्यंत कठोर, असंवेदनशील और अनाडी वाला रवैया अपनाया गया।मुख्यमंत्री के सलाहकारों ने उन्हें पूरी तरह से गुमराह किया है और अत्यं त घिनौना, छोटी सोच और प्रशासनिक मजबूती की कमी का परिचय दिया हैं। उन्होंने लिखा कि उनके रिप्रेजेंटेशन का मजाक बना दिया गया।उन्होंने कहा कि क्षमता निर्माण आयोग की अधिसूचना नहीं की गई।कौन-कौन विभाग उन्हें रिपोर्ट करे्ंगे इस बाबत कुछ साफ नहीं किया गया है।किसी तरह की संस्थानिक सपोर्ट की अधिूसचना जारी नहीं की गई हैं। रूल्स आफ बिजनेस में संशोधन नहीं किया गया है। उनकी भूमिका व कामों को लेकर पांच सिंतबर को जो अधिसूचना जारी की गई है वह अत्यंत अपमानजनक है।
उन्होंने लिखा कि मुख्य सचिव व उनसे कनिष्ठ अधिकारियों की ओर से प्रशासन के दिल में इस तरह की छोटी सोच व घिनौना रवैया सकारात्मक गवर्नेंस के लिए अनुपयुक्त हैं। उन्होंने कहा कि एक कनिष्ठं अधिकारी जिसे मुख्य सचिव बनाया गया है उनका अनुभव व समझ उनसे कहीं कम है और इस बावत उनकी आपति हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकारी काम में मुख्य सचिव मुख्यमंत्री को सलाह दे सकते हैं। उनके रिप्रेजेटेंशन पर पर उनसे कनिष्ठ अधिकारी को शामिल नहीं किया जा सकता था।
जयराम सरकार की ओर से वरिष्ठता की अनदेखी कर 1988 बैच के आइएएस अधिकारी आरडी धीमान को जुलाई में मुख्य सचिव बना दिए गया था जबकि तीन वरिष्ठ आइएएस अधिकारी तत्कांलीन मुख्य सचिव व 1987 बैच के आइएएस अधिकारी राम सुभग सिंह, उनकी पत्नी निशा सिंह व 1988 बैच के आइएएस अधिकारी संजय गुप्ता को सरकार का सलाहकार बना दिया गया था व इन तीनों को मुख्यमंत्री के साथ सीधे सबंद्ध कर दिया था।
इसके बाद 19 जुलाई को निशा सिंह ने बतौर प्रधान सलाहकार प्रशिक्षण व विदेश मामले मुख्यमंत्री को चिटठी लिखी कि हालांकि उनसे कनिष्ठ अधिकारी को मुख्य सचिव बनाकर सरकार ने उनके साथ गलत किया है लेकिन फिर भी उन्हों ने 18 जुलाई को सलाहकार के पद पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने चिटठी में लिखा कि इस पद पर उनके पद की भूमिका व कार्यों को स्पष्ट करने के लिए एक स्पष्टीकरण जारी जाए। उन्होंने कई सारे कामों की सूची भी भेज दी और आग्रह किया कि हिमाचल प्रदेश क्षमता निर्माण आयोग को लेकर एक अधिसूचना जारी कर दी जाए। ताकि विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों जैसे हिप्पा,प्रदेश कौशल विकास निगम,व्यावसायिक प्रशिक्षण और राजस्व प्रशिक्षण कालेज को इस आयोग के साथ जोडा जाए ताकि ये सब संस्थान प्रशिक्षण शाखा के जरिए प्रधान सलाहकार के स्तर पर समन्वय बनाए ।
इससे प्रधानमंत्री के क्षमता निर्माण आयोग और मिशन कर्मयोगी के उददेश्य को हासिल किया जा सकेगा।इसके अलावा समन्वित प्रशिक्षण दिया जा सकेगा और तमाम अधिकारियों की सेवाओं का उपयोग हो सकेगा और सरकारी खजाने से होने वाले खर्च को भी न्यायोचित ठहराया जा सकेगा।
निशा सिंह की इस चिटठी के बाद पांच सिंतबर को मुख्यसचिव आर डी धीमान की ओर से जारी अधिसूचना के तहत निशा सिंह उनकी भूमिका व कार्यों की एक लंबी सूची बता दी गई।
इससे आहत निशा सिंह ने बीते रोज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को चिटठी लिखी कि उनके रिप्रेजेंटेशन का मजाक बना कर रख दिया ।
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