शिमला। हालीलाज कांग्रेस के युवराज व कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिहं पर पलटवार करते हुए भाजपा विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि जिस प्रकार पूर्व की कांग्रेस सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर से फिजूलखर्ची न की गई होती तो हिमाचल का राजस्व घाटा इतना ज्यादा न बढ़ता और प्रदेश सरकार को को बार-बार कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ती। बीते रोज ने विक्रमादित्य सिंह 15वें वितायोग से राजस्व घाटा अनुदान में वितायोग की ओर से की गई 45 फीसद की बढ़ोतरी का स्वागत करते हुए जयराम सरकार को इस रकम को फिजूल खर्च न करने की सलाह दी थी।
इस पर भाजपा विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि अच्छा होता इस तरह की सलाह वह पूर्व की कांग्रेस सरकार में अपने पिता व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को देते। जम्वाल ने कहा कि उन्हें केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद भी करना चाहिए और मानना चाहिए कि यह फैसला हिमाचल प्रदेश के लिए एक बड़ा तोहफा है।
जम्वाल ने कहा की जयराम सरकार हिमाचल की जनता के लिए हर एक पैसे को सूझबूझ के साथ खर्च कर रही है और आम जनता के लिए सकारात्मक कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य के पिता वीरभद्र सिंह जब मुख्यमंत्री थे तब इस प्रकार के सुझाव उन्होंने दिए होते तो शायद आज हिमाचल प्रदेश की तस्वीर कुछ और होती।
जम्वाल ने दावा किया कि कांग्रेस के कार्यकाल में कोई भी विकास प्रदेश में नहीं हो पाया और विकास कार्यों में कांग्रेस पार्टी का कोई योगदान नहीं है जबकि जयराम ठाकुर पूरे प्रदेश में एक समान विकास कार्य करवा रहे हैं और उनके नेतृत्व में ऊपर और नीचे की राजनीति समाप्त हो गई है। हर वर्ग के लिए कोई ना कोई योजना बनाई गई है और कार्य किए जा रहे हैं ।उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश के गठन के बाद यह पहली बार है कि इस प्रकार का विकास हिमाचल प्रदेश में हो रहा है व सच में प्रदेश में डबल इंजन की सरकार चल रही है।
उन्होंने विक्रमादित्य सिंह से सवाल पूछा कि वह बताएं की जब पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समय में जब केंद्र और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तब इस प्रकार की मदद केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश की क्यों नहीं हुई।
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