शिमला। वामपंथी पार्टी माकपा ने खलीनी पार्किंग में पिछल्ले तीन साल से हो रही धांधलीबाजी में एफआइआर दर्ज करने की मांग की है। माकपा ने इल्जाम लगाया है कि जयराम सराकर के एक मंत्री के रसूख की वजह से नगर निगम इस मामले में एफआइआर दर्ज नहीं कर पा रहा है।
माकपा नेता व पूर्व महापौर संजय चौहान ने कहा कि खलीनी में नगर निगम की पार्किंग के पिछल्ले तीन साल से कोई ठेका नहीं हुआ था। सरकार के एक चेहते ने इस पर कब्जा किया हुआ था व वह सरेआम करोड़ों की कमाई कर ैरहा था। बीते दिनों दो लोगों ने इनसे यहां गाड़िया पार्क करने के दो दो हजार वसूलने के पर हंगामा कर दिया तो भंडा फूटा कि यह शख्स लोगों से तो पैसे वसूल रहा है लेकिन निगम के खाते में कुछ नहीं जा रहा है। चौहान ने यह भी इल्जाम लगाया कि यह शख्स अगर किसी को नई खरीदनी होती थी उसे उसे पार्किंग का प्रमाण पत्र देने के की एवज भी आठ -आठ हजार वसूल कर अपनी जेबें भर रहा था।
याद रहे शिमला में गाडी तभी पंजीकृत हो सकती है अगर वाहन खरीदने वाले के पास पार्किंग हो। चौहान ने कहा कि नगर निगम इस मामले में आज दस दिन बाद भी एफआइआर दर्ज नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित नगर निगम भ्रष्टाचार का अडडा बन गया है। निगम कोई टेंडर ही नहीं कर रहा है।
यही नहीं जल विभाग में पुराने पीतल के पड़े मीटर को भी बिना प्रक्रिया पूरी किये 26 लाख में बेच दिया। ये पूरे शहर के मीटर थे। ये भी अपने किसी चहेते को सस्ते में बेच कर उसे लाभ पहुंचाया है जबकि निगम के खजाने को नुकसान पहुंचाया गया है। माकपा ने इन तमाम मामलों में एफआइआर दर्ज कर जांच करने की मांग करते हुए आगाह किया गया है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो राजधानी में आंदोलन छेड़ दिया जाएगा।
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