शिमला। प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार ने पूर्व की धूमल सरकार के फैसले को बदल कर लीज मनी को तीन प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का रास्ता साफ कर दिया है। इसके लिए केबिनेट ने आज हिमाचल प्रदेश लीज रूल्ज, 2013 के ड्राफ्ट को स्वीकृति प्रदान कर दी। नए ड्राफ्ट के मुताबिक लीज मनी जिला कलेक्टर की ओर से अधिसूचित जमीन के करंट सर्कल रेट के 10 प्रतिशत के हिसाब से तय की जाएगी और हर पांच साल बाद इसमें पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
हिमाचलियों की ओर से लगाए जाने वाले हाइड्रो प्रोजेक्ट के लिए लीज पर दी जाने वाली जमीन की लीज मनी पांच प्रतिशत के हिसाब से वसूली जाएगी।
वीरभद्र सिंह सरकार के सत्ता में आने पर पुराने धूमल सरकार के कार्याकाल में बने लीज नियमों को खारिज कर दिया था व मौजूदा समय में प्रदेश में कोई लीज नियम ही नहीं है।धूमल सरकार के कार्याकाल में लीज मनी 18 से 3 प्रतिशत कर दी गई थी। कांग्रेस ने सता से आने से पहले आरोप लगाए थे कि ये एचपीसीए को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है।
केबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई।नए पॉलिसी के ड्राफ्टके अनुसार, सरकारी भूमि केवल लीज पर तभी उपलब्ध करवाई जाएगी जब कोई भी वैकल्पिक निजी भूमि उपलब्ध नहीं होगी। पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं एवं बीपीएल परिवारों को स्वरोजगार के लिए सरकारी भूमि लीज पर उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है। नीति में भूमिहीन हिमाचलियों को आवास निर्माण और प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ितों के लिए पुनर्वास के लिए सरकारी भूमि को लीज पर देना का प्रावधान भी किया गया है।
ये प्रावधान भी किया गया है कि सरकारी भूमि पर किए गए अतिक्रमण को कब्जाधारी को लीज पर नहीं दिया जाएगा। लेकिन कब्जाधारक से कब्जा छुड़ाने के बाद इसे किसी भी पात्र व्यक्ति अथवा संस्थान को लीज पर दिया जा सकता है। खास उददेश्य के लिए आवश्यक अधिकतम क्षेत्र सम्बन्धित विभाग द्वारा तय किया जाएगा। यह भी देखा जाएगा कि सरकारी भूमि की लीज किस गतिविधि के
अन्तर्गत आती है। यह अधिकतम क्षेत्र हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट, 1972 के प्रावधानों के अनुरूप होगा।
प्रत्येक विभाग को लीज धारक की पात्रता का निर्धारण करने के लिए प्रस्तावित गतिविधियों को कार्यान्वित करने, कार्य की आवश्यकता और गतिविधि के संचालन के लिए क्षेत्र की आवश्यकता का निर्धारण करने के लिए नियम तय करने होंगे। सरकारी भूमि को लीज आधार पर देने से पूर्व सम्पदा अधिकार धारक से कोई आब्जेक्शन नहीं लिए जाएंगे तथा प्रदेश सरकार को पट्टा अवधि निर्धारित करने का अधिकार
प्रदेश सरकार को यह अधिकार होगा कि वह लीज राशि को प्राकृतिक आपदा से प्रभावित व्यक्तियों तथा जिनकी कृषि योग्य भूमि को नुकसान हुआ है, भूमिहीन,आवासहीन व्यक्तियों, पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं, बीपीएल परिवारों एवं शारीरिक अपंगता वाले व्यक्तियों के मामलों में लीज मनी को घटा सकती है। पूर्व
की सब लीज प्रावधानों के बजाय यह प्रस्ताव किया गया है कि लीज धारक लीज पर दी गई सम्पत्ति के प्रबन्धन, कार्यान्वयन एवं रख-रखाव के लिए समझौता कर सकते हैं। लीज डीड के पंजीकरण की तिथि से तीन वर्ष की अवधि तक लीजधारकपर भूमि उपयोग पर प्रतिबंध होगा।
इसके अलावा केबिनेट ने मण्डी जिला में उप-तहसील कोटली को तहसील बनाने का फैसला भी लिया व मण्डी जिले के नेरचौक में तहसील आरम्भ करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
केबिनेट ने स्वतंत्रता सेनानियों के मानदेय को 1 सितंबर सितम्बर से 7500 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति माह करने को मंजूरी प्रदान कर दी। सुन्नी पुलिस चौकी को पुलिस थाना बनाने का निर्णय लिया व इसके लिए आवश्यक पद बटालियनों से स्थानान्तरित किए जाएंगे।
केबिनेट ने पीटीए शिक्षकों के स्थान पर लगाए गए उन सभी अनुबंध,नियमित अध्यापकों को शॉर्ट स्टे में छूट देते हुए रिक्त पदों पर तैनात करने का निर्णय लिया ताकि इनके स्थानों पर पीटीए शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित बनाई जा सके।
आंगनवाड़ी सहायिकाओं की भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता में संशोधन का फैसला लिया गया। इसके अनुसार फीडर क्षेत्रों में मिडिल पास न होने पर प्राइमरी पास आंगनवाड़ी सहायिकाओं को रखा जाएगा।
मंत्रिमण्डल ने निर्णय लिया है कि हिमाचल प्रदेश औद्योगिक विकास बैंक से 2013-14 के दौरान 450 मैगावाट की शॉंगटॉंग-कड़छम, 100 मैगावाट की सैंज110 मैगावाट की सावड़ा-कुड्डू व 234 मैगावाट की कशांग जल विद्युत परियोजनाओं के लिए हिमाचल प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड को 350 करोड़ रुपये की इक्विटी देगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि वर्ष 2012-13 तक प्रदेश सरकार के 350 करोड़ रुपये के इक्विीटी हिस्से को प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड से एचपीआईडीबी के हक में विनिवेश करेगी। केबिनेट ने मैसर्ज वेंचर एनर्जीज टेक्नोलॉजीज लिमिटेड को दस वर्ष की अवधि तक विशेष विस्तार देने का निर्णय लिया जिसके एवज में 20 हजार रुपये प्रति मैगावाट प्रति माह की दर से
विस्तार शुल्क लिया जाएगा। इस निर्णय से 15 मैगावाट की साईं कोठी
जल विद्युत परियोजना की स्वीकृतियां लेने एवं निर्माण कार्य आरम्भ करने
में सहायता मिलेगी। 24 मैगावाट की सेल्टू मशरंग जल विद्युत परियोजना को 20 हजार रुपये प्रति मैगावाट प्रति माह की दर के विस्तार शुल्क के साथ पांच माह की अवधि के लिए एक्स-पोस्ट फेक्टो विस्तार देने को भी स्वीकृति प्रदान की।
960 मैगावाट जंगी-थोपन-पोवारी जल विद्युत परियोजना के कार्यान्वयन में मैसर्ज ब्रेकल कारपोरेशन एनवी के खिलाफ क्षति,जुर्माना के लिए कार्रवाई आरम्भ करने को स्वीकृति दी गई।
केबिनेट ने कुल्लू जिले में पलचान-रोहतांग रज्जू मार्ग निर्माण परियोजना को निरस्त करने का भी निर्णय लिया।
केबिनेट ने वन विभाग में 10300-34800-4200 ग्रेड पे के वेतनमान में अधीक्षक ग्रेड-1 के पांच पदों को स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश महाधिवक्ता कार्यालय में श्रेणी तीन के रिक्त पदों को हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड के अधिकार क्षेत्र से बाहर सीधे भरने के लिए एक बार छूट देने का निर्णय लिया ताकि अनावश्यक विलम्ब से बचा जा सके। नई दिल्ली में लिटिगेशन सैल के लिए 6 पद सृजित करने को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में अभियोजन विभाग में सीधी भर्ती के द्वारा अनुबंध आधार पर सहायक जिला न्यायवादियों के 20 पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई। हिमाचल प्रदेश अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से श्रम एवं रोजगार विभाग में लिपिकों के 12 पद अनुबंध आधार पर भरने को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं सम्बद्ध खेल संस्थान, मनाली में लिपिकों के तीन रिक्त पदों को अनुबंध आधार पर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।
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